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Tuesday 18 September 2018 12:15:40 PM
लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक गणेश उत्सव मंडल चौक लखनऊ में सर्राफा बाज़ार के कल्लीजी राम मंदिर में गणपति उत्सव में शामिल हुए। उन्होंने भगवान गणेश की आरती उतारकर पूजा-अर्चना की एवं देश-प्रदेश की सुख-समृद्धि की भी कामना की। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि गणपति को विद्या के देवता के साथ-साथ बुद्धि, सुख देने वाला, दुःख को समाप्त करने वाला देवता माना जाता है, अच्छे काम का शुभारम्भ गणपति के नाम से ही किया जाता है। राम नाईक ने गणेश उत्सव के इतिहास पर प्रकाश डाला और कहा कि गणपति उत्सव की शुरूआत लोकमान्य बालगंगाधर तिलक ने देश को आज़ादी दिलाने की दृष्टि से जनता में जागृति पैदा करने के लिए की थी, उन्होंने घर-घर में होने वाली गणेश पूजा को सामूहिक उत्सव बनाने के लिए गणेश उत्सव की शुरूआत की।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि अंग्रेजों ने बालगंगाधर तिलक को असंतोष का जनक कहकर जेल में डाल दिया था, उन्होंने शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक उत्सव के रूपमें मनाने की परम्परा का भी शुभारम्भ किया था। राज्यपाल ने कहा कि आज गणेश उत्सव को हिंदुस्तान के साथ-साथ विदेशों में बसे भारतीय भी बड़े धूमधाम से मनाते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विद्या के क्षेत्र में नए परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं, यह परिवर्तन अटल बिहारी वाजपेयी के ‘सबको शिक्षा अभियान’ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के परिणाम हैं। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षित समाज ही प्रगति कर सकता है। राम नाईक ने कहा कि हमें अपने देश एवं प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट होकर उसकी प्रगति के लिए कार्य करना होगा।
राम नाईक ने कहा कि भारत की संस्कृति एक समृद्ध संस्कृति है, जिसकी विशेषता ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ है, जहां मेरा और तेरा में विश्वास न करके उदार चरित्र का परिचय दिया जाता है। गणेश उत्सव का आयोजन मराठी समाज उत्तर प्रदेश ने किया था। गणेश उत्सव में मराठी समाज की ओर से राज्यपाल का सम्मान अंगवस्त्र और स्मृतिचिन्ह देकर किया गया। गणेश उत्सव में मराठी समाज के अध्यक्ष उमेश पाटिल, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकरण, अपर पुलिस महानिदेशक एस तरडे, भातखंडे संगीत सम विश्वविद्यालय की कुलपति श्रुति सडोलीकर और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।