स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 18 September 2018 02:53:23 PM
नई दिल्ली। भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखासेवा, भारतीय व्यापार सेवा और भारतीय सूचना सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों के समूहों ने एक साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन दिल्ली में मुलाकात की। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर प्रशिक्षुओं से कहा कि विधायिका के प्रति कार्यपालिका के दायित्व को सुनिश्चित करने में लेखापरीक्षा तथा लेखासेवा के अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विधायिका को प्रस्तुत की जाने वाली सीएजी की रिपोर्टें कार्यपालिका के दायित्व सौंपने में महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं। रामनाथ कोविंद ने कहा कि लेखापरीक्षा तथा लेखासेवा के अधिकारी लोक आस्था और वित्तीय विवेक के अभिभावक होते हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आज के वैश्विक विश्व में किसी देश की शक्ति का मूल्यांकन उस देश की अर्थव्यवस्था की शक्ति से किया जाता है, प्रत्येक देश विश्व बाज़ार और व्यापार में हिस्से के भागीदारों के लिए स्पर्धा करते हैं, यद्यपि हमनें दो दशकों में अपने व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए अच्छा काम किया है, लेकिन अभी भीबहुत कुछ किया जाना बाकी है। राष्ट्रपति ने कहा कि ऐतिहासिक रूपसे विश्व व्यापार में भारत का हिस्सा मजबूत था और आज भी विश्व व्यापार में अपने देश की हिस्सेदारी लगभग दो प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार व्यवस्था में भारत की स्थिति सुनिश्चित करने में व्यापार सेवा के अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
रामनाथ कोविंद ने कहा कि सूचना युग के बावजूद हमारी आबादी के एक बड़े वर्ग में अभी भी लाभकारी सरकारी कार्यक्रमों और कल्याण योजनाओं को लेकर जागरुकता की कमी है। उन्होंने कहा कि हमें दूर-दराज के स्थानों तथा सबसे छोटे गांव में रह रहे नागरिकों तक सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं के बारे में सूचना सुनिश्चित करनी होगी और इसमें भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि सूचना सेवा के अधिकारियों का दायित्व प्रासंगिक सरकारी सूचनाओं को समय पर व्यावहारिक रूपमें और कारगर तरीके से लोगों तक पहुंचाना है।