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बंगाल में सुरक्षित पेयजल के लिए एडीबी से कर्ज़

आर्सेनिक फ्लोराइड और लवणता से प्रभावित हैं कई इलाके

पश्चिम बंगाल की 240 मिलियन की पेयजल परियोजना

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 4 October 2018 01:32:59 PM

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नई दिल्ली। भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक ने आर्सेनिक, फ्लोराइड और लवणता से प्रभावित पश्चिम बंगाल के तीन जिलों में लगभग 1.65 मिलियन लोगों को निरंतर सुरक्षित पेयजल मुहैया कराने के लिए 240 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। पश्चिम बंगाल पेयजल क्षेत्र सुधार परियोजना पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में अपर सचिव समीर कुमार खरे और एडीबी के भारत मिशन के कंट्री डायरेक्टर केनिची योकोयामा ने हस्ताक्षर किए। गौरतलब है कि भूजल पर अत्यधिक निर्भर रहने के कारण पश्चिम बंगाल की ज्यादातर ग्रामीण आबादी के आर्सेनिक एवं फ्लोराइड प्रदूषण से प्रभावित होने का जोखिम बना रहता है, जिससे उन्हें कैंसर एवं हड्डी की बीमारियों सहित कई तरह के स्वास्थ्य संबंधी रोग हो सकते हैं।
पेयजल क्षेत्र सुधार परियोजना का उद्देश्य तीन जिलों यथा बांकुरा, उत्तर 24 परगना और पूरबा मेदिनीपुर के लगभग 3,90,000 परिवारों को मीटर वाले कनेक्शनों के जरिए निरंतर पेयजल सुलभ कराते हुए इन स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों में कमी सुनिश्चित करना है। समीर कुमार खरे ने इस अवसर पर कहा कि परियोजना का उद्देश्य भूजल के अत्यधिक उपयोग से संबंधित चिंताएं दूर करना है, जिससे आर्सेनिक एवं फ्लोराइड की ज्यादा मात्रा वाले भूजल का उपयोग करने से उत्पन्न होने वाले स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों में कमी आएगी। केनिची योकोयामा ने कहा कि इस परियोजना से न केवल प्रदूषित भूजल के कारण होने वाली बीमारियों के बोझ में कमी आएगी, बल्कि भारत में ग्रामीण योजनाओं की तुलना में बेहतर सेवा को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसके तहत विभिन्न परिवारों को व्यक्तिगत कनेक्शन देने के साथ-साथ जिला मीटर क्षेत्र आधारित मीटर कनेक्शन वाली जलापूर्ति सुनिश्चित की जाएगी और स्मार्ट जल प्रबंधन के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा।
पेयजल क्षेत्र सुधार परियोजना के लिए जापान ग़रीबी उन्मूलन कोष से 3 मिलियन डॉलर का अनुदान मिल रहा है, जिसका वित्तपोषण जापान सरकार ने किया है। इसी तरह इस परियोजना के लिए एडीबी के शहरी जलवायु परिवर्तन सुदृढ़ ट्रस्ट फंड से 2 मिलियन डॉलर का अनुदान मिल रहा है। इससे राज्य सरकार को अपनी स्मार्ट मीटर प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करने, बाढ़ संबंधी पूर्व चेतावनी एवं बचाव व्यवस्था को बेहतर करने और परिचालन एवं रखरखाव के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन एवं आपदा बचाव के लिए भी प्रशिक्षण प्रदान करने में मदद मिलेगी। एडीबी अत्यधिक ग़रीबी का उन्मूलन करने संबंधी अपने प्रयासों को जारी रखते हुए एक समृद्ध, समावेशी, सुदृढ़ एवं टिकाऊ एशिया-प्रशांत सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 1966 में स्थापित एडीबी के कुल मिलाकर 67 सदस्य हैं, इनमें से 48 सदस्य इसी क्षेत्र से हैं। वर्ष 2017 में एडीबी के परिचालन कुल मिलाकर 32.2 अरब डॉलर के रहे, जिनमें सह-वित्तपोषण से जुड़ी 11.9 अरब डॉलर की राशि भी शामिल है।

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