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Friday 5 October 2018 02:27:00 PM
मुंबई। केंद्रीय सड़क परिवहन तथा राजमार्ग, शिपिंग, जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने मुंबई में इंडिया केम-2018 के उद्घाटन समारोह में कहा है कि देश के लिए अब एथनोल, मेथनोल और बॉयोडीजल जैसे वैकल्पिक ईंधन स्रोतों को अपनाने का समय आ गया है। नितिन गडकरी ने वैकल्पिक ईंधनों के महत्व पर बल देते हुए कहा कि एथनोल हमारा भविष्य है और सरकार ने इसका उत्पादन बढ़ाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने एथनोल फैक्ट्रियों को वित्तीय सहायता देने की स्वीकृति दे दी है। उन्होंने कहा कि देश को आयात घटाने और निर्यात बढ़ाने की आवश्यकता है, इसलिए आयात विकल्प के रूपमें नए उपायों को समर्थन देना जरूरी है।
इंडिया केम-2018 रसायन और पेट्रो रसायन उद्योग का सबसे बड़ा सम्मेलन है। इसका आयोजन रसायन और उर्वरक मंत्रालय के रसायन, पेट्रो रसायन विभाग और फिक्की ने मिलकर किया है। इंडिया केम-2018 मुंबई में 6 अक्तूबर तक आयोजित किया गया है। नितिन गडकरी ने कहा कि भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और भारत में निवेश करने वालों को काफी लाभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत टेक्नोलॉजी, उद्यमिता, नवाचार तथा अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहा है, अनेक शोध हो रहे हैं, जिनके माध्यम से भारत विश्व में चमत्कार कर सकता है। उन्होंने पारिस्थितिकी और पर्यावरण के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि एथनोल से बॉयो प्लास्टिक बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जैविक प्लास्टिक पेट्रो रसायन उद्योग के लिए नया विज़न प्रदान कर सकता है।
ऊर्जा क्षेत्र और कृषि की विविधता के महत्व पर नितिन गडकरी ने कहा कि नई फसलों की पहचान करनी होगी। उन्होंने उद्योग जगत का आह्वान किया कि वह रसायन बनाने के लिए कृषि सामग्री के उपयोग की संभावना की तलाश करे, यह देश के लिए बड़ा परिवर्तनकारी हो सकता है।इस अवसर पर नितिन गडकरी ने इंडिया केम-2018 नॉलेज पेपर जारी किया। रसायन और पेट्रो रसायन विभाग के सचिव पी राघवेंद्र राव ने कहा कि रसायन और पेट्रो रसायन उत्पादन, स्टार्टअप संस्कृति, कारोबारी सुगमता और नवाचार के कारण भारत निवेश के लिए वैश्विक स्थान बन गया है। उन्होंने बताया कि रसायन और पेट्रो रसायन उद्योग 6.2 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रहा है।
पी राघवेंद्र राव ने बताया कि सरकार के सुधार कार्यक्रमों के कारण रसायन उद्योग विकास कर रहा है। वर्ष 2014-18 के बीच रसायनों का कुल आयात मात्रा की दृष्टि से 5.8 प्रतिशत बढ़ा है और यह 2025 तक 304 बिलियन डॉलर पहुंच जाएगा। इंडिया केम-2018 में ईरान, चीन, जापान, ब्रिटेन, स्पेन, अमेरिका, जर्मनी, इटली, ब्राजील, तुर्की और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों की 300 से अधिक रसायन और पेट्रो रसायन कंपनियां भाग ले रही हैं। गौरतलब है कि भारत के ईंधन की निर्भरता अरब देशों पर है, जो दुनिया से पेट्रोल-डीजल की मुंहमांगी कीमत वसूल करते हैं। भारत के विज्ञानी वैकल्पिक ऊर्जा और वैकल्पिक ईंधन की खोज पर दिनरात काम कर रहे हैं, जिसपर उन्हें अच्छी सफलता मिली है। भारतीय विज्ञानियों के प्रयास अनुकरणीय हैं और आशा की जाती है कि भारत आने वाले वर्षों में ऊर्जा की समस्या से काफी हदतक मुक्ति पा लेगा।