स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 5 October 2018 03:59:23 PM
नई दिल्ली। पोलियो की दवा को लेकर फिर अफवाहों का बाज़ार गर्म है और जांच-पड़ताल में पाया गया है कि देश में एक वर्ग ऐसा है, जिसके अनेक लोग अपने बच्चों को पोलियो की दवा नहीं पिलाते हैं और इस वर्ग के अनेक लोगों ने देशभर में कई स्थानों पर पोलियो सैनिकों पर जानलेवा हमले किए हैं, जिनमें पोलियो पिलाने वाली टीम के सदस्यों की मौतें भी हुई हैं। इसका एक शर्मनाक पक्ष यह है कि अपवाद को छोड़कर इस वर्ग के अनेक धर्मगुरू भी पोलियो दवा के खिलाफ अभियान में संलिप्त पाए गए हैं। हाल में फिर कुछ ऐसी अफवाहें सामने आई हैं कि बाइवेलंट ओरल पोलियो की दवा में कुछ वायरस पाए गए हैं। यह अफवाह सोशल मीडिया की कुछ पोस्टों से फैली है, जिनमें कहा गया है कि एक खास कम्पनी की ओर से आपूर्ति की गई पोलियो की दवा गुणवत्तामानक के अनुरूप नहीं है और टीकाकरण कार्यक्रम में इस कम्पनी द्वारा सप्लाई की गई पोलियो की दवा का इस्तेमाल रोक दिया गया है, साथ ही पहले आपूर्ति की जा चुकी उसकी दवा का सारा स्टॉक भी वापस ले लिया गया है।
भारत सरकार की ओर से साफ तौरपर कहा गया है कि सोशल मीडिया की पोस्टों में पोलियो की दवा के बारे में जो कहा गया है वह सरासर अफवाह है, बल्कि पोलियो की दवा पूरी तरह से सुरक्षित और भरोसेमंद है। सरकार का कहना है कि इस कम्पनी के अलावा दूसरी कई ऐसी दवा निर्माता कम्पनियां हैं, जो पोलियो की दवा की आपूर्ति करती हैं, उन दवाओं की गुणवत्ता की भी जांच की गई है और इन्हें तय मानकों के अनुरूप पाया गया है। सरकार ने कहा है कि यह सुनिश्चित करने के लिए बच्चों को सुरक्षित और प्रभावी पोलियो की दवा मिल सके, इन कम्पनियों की दवा का टीकाकरण अभियान में इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत सरकार बार-बार कह रही है कि पोलियो की खुराक सुरक्षित है और यह सिद्ध करने के लिए उसे लाखों-करोड़ों रुपये केवल पोलियो दवा के प्रचार पर खर्च करने पड़ रहे हैं।
सरकार का कहना है कि पोलियो की इस दवा ने पोलियो से होने वाली शारीरिक अपंगता से लाखों बच्चों को बचाया है, सभी को पोलियो से बचाव के लिए अपने बच्चों को यह दवा जरूर पिलानी चाहिए। भारत सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम के तहत दी जाने वाली दवा पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी हो। भारत पिछले सात वर्ष से भी ज्यादा समय से पोलियो मुक्त हो चुका है, हालांकि कुछ पड़ोसी देशों में पोलियो के कुछ मामले अभी भी देखे जा रहे हैं, ऐसे में इस बीमारी के फिर से देश में आने के खतरे को देखते हुए उच्च प्रतिरक्षा बनाए रखने के प्रयासों के तहत पूरे देश में नियमित टीकाकरण के तहत सभी नवजात शिशुओं को बाइवेलंट ओरल पोलियो की दवा के साथ ही निष्क्रिय पोलियो वायरस टीका भी उपलब्ध कराया गया है।
गौरतलब है कि भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में पोलियो की दवा की उपेक्षा की जाती है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पाया है कि पाकिस्तान और उसके आसपास के कुछ देशों में वहां का बहुसंख्यक समुदाय पोलियो की खतरनाक बीमारी से मुक्त नहीं हो पाया है। कई देशों ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश सहित कुछ देशों के नागरिकों को अपने यहां पोलियो की खुराक ग्रहण करने की शर्त पूरी करने बाद ही प्रवेश दिया है। भारत में बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने को लेकर मुस्लिम समुदाय में निर्मूल आशंकाएं हैं, जबकि पूरी तरह से यह पुष्टि हो चुकी है कि इस दवा का बच्चों में कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। भारतीय मुस्लिम समाज का एक वर्ग पोलियो को अपनाता है, जबकि एक बड़ा वर्ग इससे दूर भागता है। यही वो वर्ग है, जो पोलियो सैनिकों पर हमला करता है और लाख समझाने पर भी अपने बच्चों को पोलियो की दवा नहीं पिलाता है। इस वर्ग को पोलियो की दवा पिलाने के लिए भारत सरकार बड़े यत्न करती है। अब फिर पोलियो की दवा के खिलाफ अफवाह फैलाई गई है, जिसका भारत सरकार ने कड़ा प्रतिवाद किया है और जो भारत सरकार कह रही है, उसपर विश्वास किया जाना चाहिए।