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Friday 5 October 2018 04:48:58 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदशक ओपी सिंह ने सोशल मीडिया का दुरूपयोगकर भ्रामक सूचनाएं प्रचारित और प्रसारित करने पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पुलिस महानिदशक ओपी सिंह ने कहा है कि सोशल मीडिया के फेसबुक, वाट्सएप्प, प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में इस आशय की पोस्ट या सामग्री प्रसारित की जा रही हैं कि उत्तर प्रदेश पुलिस में भयानक असंतोष है। पुलिस महानिदेशक का मानना है कि सोशल मीडिया पोस्ट से पुलिस में असंतोष भड़काने का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें पुलिस में कतिपय सेवारत एवं बर्खास्तशुदा पुलिसकर्मी सम्मिलित प्रतीत हो रहे हैं। उनका कहना है कि कई पोस्ट ऐसी भी हैं, जो प्रथम दृष्टया फर्जी एवं कूटरचित हैं, पुलिस बल में असंतोष की कुचेष्टा करने वाले कुछ असामाजिक तत्व भी हैं, जो फर्जी आईडी के माध्यम से स्वयं को पुलिस बल का सदस्य दिखाते हुए सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री पोस्ट कर रहे हैं।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि ऐसे तत्वों के विरुद्ध कठोर रुख अपनाते हुए इस संबंध में अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध थाना हजरतगंज लखनऊ में धारा 505 (1) (ख) भादवि, पुलिस उत्तेजना अधिनियम 1922 ओए धारा 66 (डी) आईटी अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि आरक्षी सर्वेश चौधरी नियुक्त जनपद एटा सम्बद्ध 25वीं वाहिनी पीएसी रायबरेली को फेसबुक पर उसकी वायरल पोस्ट प्रथम दृष्टया आपत्तिजनक पाए जाने पर उसे निलम्बित कर दिया गया है और उसके विरुद्ध अग्रेतर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा रही है। पुलिस महानिदेशक ने यह भी स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश पुलिस बल में असंतोष की कोई स्थिति नहीं है, समस्त जनपदों, पीएसी वाहिनियों एवं गैरजनपदीय शाखाओं में नियुक्त पुलिसकर्मी अपना कार्य लगन एवं कुशलता से सम्पादित कर रहे हैं।
पुलिस महानिदेशक ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि अनुशासनहीनता की कोई घटना कारित की जाएगी तो उसमें कठोरतम दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, अपराधिक कृत्य करने पर अभियोग पंजीकृत कर सम्बंधित के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि पुलिसकर्मी प्रशांत चौधरी द्वारा स्पष्ट रूपसे ऐपल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या करने के बाद हत्यारे पुलिसकर्मी को ही बचाने की एक मुहिम सामने आई है, जो सोशल मीडिया पर भी वायरल है। देशभर में इस हत्याकांड की चर्चा हुई है और सुरक्षा प्रदान करने के लिए बना पुलिस संगठन इस घटना से आहत है। पुलिस महानिदेशक ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस का आम आदमी में विश्वास स्थापित करने की कोशिश की है, लेकिन पुलिस विभाग में ही कुछ तत्व एक हत्यारे सिपाही का बचाव करने और असंतोष प्रकट करने की शर्मनाक कोशिश करते हुए दिखाई दे रहे हैं। अभी यह पता नहीं चला है कि इनके पीछे कौन है, पुलिस मामले की छानबीन में लगी हुई है।