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Wednesday 10 October 2018 02:10:08 PM
नई दिल्ली। मलेशिया के मानव संसाधन मंत्री एम कुलासेगरन की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से भेंट की। दोनों नेताओं के बीच बैठक के दौरान भर्ती एवं प्रशिक्षण के साथ-साथ सार्वजनिक सेवाओं के अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। एम कुलासेगरन ने सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में मलेशिया और भारत के बीच पारस्परिक सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मई 2018 में मलेशिया का दौरा करने के बाद मलेशिया की ओर से मलेशिया के मानव संसाधन मंत्री का यह एक महत्वपूर्ण आधिकारिक दौरा माना जा रहा है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने भारत में सिविल सेवाओं में भर्ती और प्रशिक्षण प्रक्रिया के बारे में मलेशिया के प्रतिनिधिमंडल को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय विदेश सेवा और भारतीय राजस्व सेवा सहित समस्त सिविल सेवाओं की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि इससे संबंधित चयन प्रक्रिया त्रिस्तरीय होती है, जिसमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इन सेवाओं को अधिक से अधिक जन उन्मुख बनाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं, देश के नागरिकों द्वारा स्व-सत्यापन की व्यवस्था, प्रक्रियाओं को आसान बनाना इत्यादि इन कदमों में शामिल हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने लोक शिकायत प्रकोष्ठ और पेंशन विभाग के बारे में भी चर्चाएं कीं। उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस प्रमुख कार्यक्रमों के कार्यांवयन पर है।
पीएमओ राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए गांधीजी के 150वीं जयंती समारोह की कड़ी में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मलेशिया के प्रति आभार जताया। उन्होंने दोनों देशों के बीच तमिल साहित्य पर आधारित समानताओं पर भी चर्चाएं कीं। डीओपीटी में सचिव डॉ सी चंद्रमौली ने भी संघ लोक सेवा आयोग, केंद्रीय सतर्कता आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग और सार्वजनिक उद्यम चयन बोर्ड के कार्यकलापों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने राज्यों में कार्यरत लोकसेवा आयोगों और राज्यों की सिविल सेवाओं में अधिकारियों की भर्ती में इन आायोगों की भूमिका से भी प्रतिनिधिमंडल को अवगत कराया। गौरतलब है कि दुनिया के कई देशों को भारतीय सिविल सेवा का मॉडल पसंद है और उन्होंने इसे अपनाया है। भूटान ने इसे अपने यहां पूरी तरह लागू किया है। इसी प्रकार मलेशिया की भी भारतीय सिविल सेवा का मॉडल अपनाने में दिलचस्पी है।