स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 27 October 2018 04:45:20 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आज जापान की राजधानी टोक्यो रवाना हुए। उन्होंने 28-29 अक्टूबर को अपनी जापान यात्रा पर कहा कि वे प्रधानमंत्री के रूपमें सितंबर 2014 में जापान की अपनी पहली यात्रा के बाद से प्रधानमंत्री शिंजो आबे से 12वींबार मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के बाद उन्होंने वार्षिक शिखर वार्ता के लिए 2016 में जापान की यात्रा की थी। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष उन्हें अपने गृहराज्य गुजरात में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और उनकी पत्नी अकी आबे की मेजबानी करने का सौभाग्य मिला था। नरेंद्र मोदी ने कहा कि जापान, भारत का मूल्यवान साझीदार है, दोनों के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जापान के साथ भारत के आर्थिक और रणनीतिक रिश्ते हैं, जिनमें हाल के वर्ष में आमूल परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि अब यह साझेदारी और भी ठोस और उद्देश्यपूर्ण हो गई है, यह भारत की ‘ऐक्ट-ईस्ट’ नीति के मजबूत स्तंभ, मुक्त, खुले और समावेशी भारत-प्रशांत के हमारे साझा दृष्टिकोण तथा प्रतिबद्धता पर आधारित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक देश होने के नाते हमारे मूल्य साझा हैं, हम सबके लिए शांति और समृद्धि की आकांक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और जापान एक-दूसरे के पूरक हैं और इससे हमें मजबूती प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि जापान आज भारत के आर्थिक और प्रौद्योगिकीय आधुनिकीकरण में सबसे भरोसेमंद साथी है तथा भारत के लिए सबसे बड़ा निवेशक है, मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेल और समर्पित माल गलियारे जैसी परियोजनाओं से हमारे आर्थिक रिश्तों की गहराई प्रकट होती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी कई राष्ट्रीय पहलों में जापान अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि जापानी निवेशकों को भारत के आर्थिक भविष्य पर बहुत भरोसा है, जिसमें असंख्य अवसर मौजूद हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम नवाचार, प्रौद्योगिकीयों और उत्कृष्ट व्यवहारों में जापान के वैश्विक नेतृत्व को बहुत मान देते हैं। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान मुझे रोबोटिक्स में जापान की उच्च तकनीकी क्षमताओं को देखने का मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि वे प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ विभिन्न विषयों पर वार्ता करेंगे और दोनों देशों के व्यापार उद्योग के दिग्गजों के साथ भी बातचीत होगी। वे भारतीय समुदाय को भी सम्बोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बातचीत से हमारे व्यापार और निवेश रिश्तों को और मजबूती प्रदान करने में मदद मिलेगी तथा स्वास्थ्य सुविधा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, आपदा मोचन और आपदाओं का सामना करने योग्य बुनियादी ढांचे जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं अपने सांसदों, अपने राज्यों और जापान के प्रांतों के बीच बढ़ते रिश्तों का हृदय से स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि शिक्षा, कौशल विकास, संस्कृति और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सक्रिय आदान-प्रदान के जरिए दोनों देशों के लोगों के बीच रिश्ते लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी इस यात्रा से भारत और जापान की पारंपरिक मैत्री को प्रोत्साहन मिलेगा, जिसकी जड़े इतिहास में बहुत गहरी हैं और बेहतर एवं समृद्ध भविष्य के लिए हमारी साझेदारी और भी मजबूत होगी।