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सरदार के सामने नतमस्तक हुआ अखंड भारत!

नर्मदा में लौहपुरुष की सबसे ऊंची प्रतिमा राष्ट्र को समर्पित

देशभर में मनाई गई सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 31 October 2018 09:48:27 PM

'statue of unity' dedicated to nation

नर्मदा (गुजरात)। लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के सामने आज अखंड भारत नत मस्तक हुआ! सरदार की जयंती पर उनकी गौरवमयी यादें और राष्ट्र के लिए उनका कभी भी नहीं भूलाजाने वाला अनुकरणीय योगदान आज देशभर में आयोजित हुए विभिन्न कार्यक्रमों में याद किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के इस लौहपुरुष की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ राष्ट्र को समर्पित की। लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर 182 मीटर की यह प्रतिमा आज जब गुजरात के नर्मदा जिले में केवड़िया में राष्ट्र को समर्पित की जा रही थी, तब पूरा देश लौहपुरुष को श्रद्धांजलियां दे रहा था और सरदार का एक भारत एक राष्ट्र अखंड भारत का संकल्प पूरा करने में उनके योगदान के साथ याद कर रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गणमान्य व्यक्तियों ने मिट्टी और नर्मदा नदी के पानी को कलश में भरकर बटन दबाकर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की प्रतिमा के वर्चुअल अभिषेक से कार्यक्रम की शुरूआत की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वॉल ऑफ यूनिटी का उद्घाटन किया। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी प्रतिमा के नीचे प्रधानमंत्री ने विशेष पूजा की। प्रधानमंत्री ने संग्रहालय तथा प्रदर्शनी और दर्शक दीर्घा को भी देखा। यह दीर्घा 153 मीटर ऊंची है और एक साथ इसे 200 आगुंतक देख सकते हैं। यहां से सरदार सरोवर बांध एवं इसके जलाशय तथा सतपुड़ा और विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है। समारोह में भारतीय वायुसेना के विमान और सांस्कृतिक दस्तों ने बड़े-बड़े करतब दिखाए। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि आज पूरा देश राष्ट्रीय एकता दिवस मना रहा है। उन्होंने कहा कि आज का दिन भारत के इतिहास में विशेष महत्व का दिन है, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के लोकार्पण के साथ भारत ने भविष्य के लिए स्वयं को विशाल प्रेरणा दी है। उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को सरदार पटेल के साहस, क्षमता और संकल्प की याद दिलाती रहेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरदार पटेल के भारत के एकीकरण के कारण आज भारत एक बड़ी आर्थिक और रणनीतिक शक्ति बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री ने प्रशासनिक सेवाओं के बारे में सरदार पटेल के दृष्टिकोण का स्मरण किया। उन्होंने कहा की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी उन किसानों के सम्मान का प्रतीक है, जिन्होंने प्रतिमा के लिए अपनी जमीन से मिट्टी और लोहा प्रदान किया। उन्होंने कहा कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के मंत्र से ही भारत के युवा अपनी आकांक्षाओं की पूर्ति कर सकते हैं। उन्होंने इस प्रतिमा के निर्माण से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रतिमा पर्यटन का अपार अवसर प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में स्वतंत्रता सेनानियों और महान नेताओं के योगदान की स्मृति में अनेक स्मारक बनाए गए हैं। उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के अतिरिक्त नई दिल्ली में सरदार पटेल को समर्पित संग्रहालय, गांधीनगर में महात्मा मंदिर और दांडी कुटीर, बाबा साहेब अम्बेडर को समर्पित पंचतीर्थ, हरियाणा में सर छोटू राम की प्रतिमा तथा कच्छ में श्यामजी कृष्ण वर्मा और वीर नायक गोविंद गुरू और उनके स्मारकों की भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने बताया कि दिल्ली में सुभाष चंद्र बोस की स्मृति में संग्रहालय बनाने, मुम्बई में शिवाजी की प्रतिमा और देशभर में जनजातीय संग्रहालयों के निर्माण का काम प्रगति पर है। प्रधानमंत्री ने मजबूत और समावेशी भारत के सरदार पटेल के विजन की चर्चा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस सपने को साकार करने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने सभी के लिए घर, बिजली, सड़क सम्पर्क तथा डिजिटल सम्पर्क प्रदान करने के प्रयासों की चर्चा की। उन्होंने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने जीएसटी, ई-नैम तथा ‘एक राष्ट्र एक ग्रिड’ जैसे प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि इन प्रयासों ने देश की एकता में योगदान दिया है। प्रधानमंत्री ने देश की एकता और अखंडता बनाए रखने तथा सभी विभाजनकारी ताकतों का मुकाबला करने के सामूहिक दायित्व की भी चर्चा की।

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