स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 3 November 2018 01:17:32 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम सेक्टर के लिए एक ऐतिहासिक सहयोग एवं संपर्क कार्यक्रम का शुभारंभ किया, जिसके तहत उन्होंने 12 महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जिनसे देशभर में एमएसएमई के विकास और विस्तार के साथ-साथ उन्हें सहूलियतें देने में मदद मिलेगी और वे एमएसएमई क्षेत्र के लिए एक नया अध्याय साबित होंगी। प्रधानमंत्री ने यह बात रेखांकित की कि एमएसएमई सेक्टर भारत के प्रमुख रोज़गार दाताओं में से एक हैं। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लुधियाना की होजरी और वाराणसी की साड़ियों सहित लघु उद्योगों की गौरवशाली भारतीय परम्पराओं का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि देश में केंद्र सरकार के आर्थिक सुधारों की सफलता को ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस सूचकांक में भारत चार वर्ष में 142वें पायदान से ऊपर चढ़कर 77वें पायदान पर पहुंच गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र की सहूलियत से जुड़े पांच महत्वपूर्ण पहलू हैं, इनमें ऋणों तक पहुंच, बाज़ार तक पहुंच, तकनीकी उन्नयन, कारोबार में सुगमता और कर्मचारियों के लिए सुरक्षा की भावना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस सेक्टर को दीपावली के उपहार के रूपमें वह 12 घोषणाएं कर रहे हैं, जिनसे इन पांच पहलुओं में से प्रत्येक का निदान निकलकर आएगा। प्रथम घोषणा के रूपमें प्रधानमंत्री ने एमएसएमई को आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के लिए 59 मिनट के लोन पोर्टल का शुभारंभ करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल के जरिए सिर्फ 59 मिनट में एक करोड़ रुपये तक के ऋणों को सैद्धांतिक मंजूरी दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि जीएसटी पोर्टल के जरिए इस पोर्टल का एक लिंक उपलब्ध कराया जाएगा। प्रधानमंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि ‘नए भारत’ में किसी को भी बार-बार बैंक के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। उन्होंने दूसरी घोषणा के रूपमें सभी जीएसटी पंजीकृत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी देने का उल्लेख किया। शिपमेंट से पूर्व और शिपमेंट के बाद की अवधि में ऋण लेने वाले निर्यातकों के लिए प्रधानमंत्री ने ब्याज की छूट तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री की तीसरी घोषणा यह थी कि पांच सौ करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली सभी कंपनियों को अब आवश्यक रूपसे व्यापार प्राप्तियां ई-डिस्काउंटिंग प्रणाली पोर्टल में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि इस घोषणा में शामिल होने से उद्यमी अपनी आगामी प्राप्तियों के आधार पर बैंकों से ऋण ले सकेंगे, इससे उनके नकदी चक्र की समस्याएं हल हो जाएंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्यमियों की बाज़ार तक पहुंच के लिए केंद्र सरकार ने पहले ही अनेक कदम उठाए हैं। इस संदर्भ में उन्होंने चौथी घोषणा यह की कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को अब 20 प्रतिशत की बजाय अपनी कुल खरीदारी की 25 प्रतिशत खरीदारी एमएसएमई से करने के लिए कहा गया है। प्रधानमंत्री की पांचवी घोषणा महिला उद्यमियों से संबंधित है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई से की गई आवश्यक 25 प्रतिशत खरीदारी में से 3 प्रतिशत खरीदारी अब महिला उद्यमियों के लिए आरक्षित की गई हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि डेढ़ लाख से अधिक आपूर्तिकर्ता अब जीईएम के साथ पंजीकृत हैं, इनमें से 40 हजार एमएसएमई हैं। उन्होंने कहा जीईएम के माध्यम से अभी तक 14,000 करोड़ से भी अधिक मूल्य का लेनदेन हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छठी घोषणा यह की कि केंद्र सरकार के सभी सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों को अब आवश्यक रूपसे जीईएम का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने सभी विक्रेताओं को जीईएम से पंजीकृत कराना चाहिए। प्रौद्योगिकी उन्नयन के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश में स्थित टूल रूम्स अब उत्पाद डिजाइन के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। उनकी सातवीं घोषणा यह थी कि पूरे देश में 22 केंद्र बनाए जाएंगे और टूल रूम के रूपमें 100 स्पोक्स स्थापित किए जाएंगे। कारोबार की सुगमता के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी 8वीं घोषणा फार्मा कंपनियों के बारे में है। उन्होंने कहा कि फार्मा क्षेत्र के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए क्लस्टर बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन क्लस्टर के निर्माण की लागत का 70 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि 9वीं घोषणा सरकारी प्रक्रियाओं के सरलीकरण के बारे में है। उन्होंने कहा कि 9वीं घोषणा यह है कि आठ श्रम कानूनों और 10 केंद्रीय नियमों के तहत रिटर्न अब साल में एक ही बार फाइल किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि 10वीं घोषणा यह है कि अब प्रतिष्ठानों का निरीक्षक द्वारा किए जाने वाला दौरा कंप्यूटर आधारित औचक आवंटन के जरिए तय किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इकाई स्थापित करने के संबंध में उद्यमियों को दो क्लीयरेंस की जरूरत होती है-पर्यावरण क्लीयरेंस और इकाई स्थापित करने की रजामंदी। उन्होंने कहा कि 11वीं घोषणा में वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण नियमों के तहत इन दोनों क्लीयरेंस को एकल अनुमति में समाविष्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि रिटर्न, स्वप्रमाणीकरण के जरिए स्वीकार किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने 12वीं घोषणा के रूपमें उल्लेख किया कि एक अध्यादेश लाया गया है, जिसके तहत कंपनी अधिनियम के संबंध में मामूली उल्लंघनों के लिए उद्यमी को अदालतों के चक्कर नहीं लगाने होंगे, उन्हें आसान प्रक्रियाओं के तहत दुरुस्त कर लिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने एमएसएमई सेक्टर के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा का भी उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक मिशन शुरू किया जाएगा कि उन्हें जनधन खाता, भविष्य निधि और बीमा उपलब्ध हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन फैसलों से भारत में एमएसएमई सेक्टर को मजबूत बनाने में सहायता होगी। उन्होंने कहा कि अगले 100 दिन के दौरान इस आउटरीच कार्यक्रम के कार्यांवयन की गहन निगरानी की जाएगी।