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Monday 5 November 2018 03:38:00 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत के स्ट्रेटजिक स्ट्राईक न्युकिल्यर सबमेरिन यानि नाभिकीय पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत के अधिकारियों और कर्मियों से मुलाकात की। आईएनएस अरिहंत हाल ही में अपने पहले डेटरेंस पेट्रोल से लौटी है। पनडुब्बी के इस अभ्यास से भारत के नाभिकीय त्रिकोण की पूर्ण स्थापना हुई है। आईएनएस अरिहंत के सफल अभियान से भारत के नाभिकीय त्रिकोण की स्थापना के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने इसके अभियान दल से जुड़े सभी कार्मिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि भारत को उन गिने-चुने देशों की अग्रिमपंक्ति में खड़ा करती है, जो नाभिकीय पनडुब्बी को डिज़ाइन करने, उसे बनाने और उसके संचालन की क्षमता रखते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जिस प्रकार प्रकाश अंधकार का ही निवारण नहीं करता, बल्कि भय को भी दूर करता है, उसी प्रकार आईएनएस अरिहंत भी देश को अभय करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में ही नाभिकीय पनडुब्बी के निर्माण और इसके सफल संचालन की क्षमता का विकास भारत की प्रौद्योगिकीय सामर्थ्य तथा सभी संबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों के बीच अभूतपूर्व समन्वय का प्रतीक है। उन्होंने सभी संबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों को देश की सुरक्षा को अत्यधिक सुदृढ़ बनाने वाली इस उपलब्धि के लिए समपर्ण और प्रतिबद्धता के साथ काम करने के लिए धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि परमाणु परीक्षणों की वैज्ञानिक उपलब्धि को एक अत्यंत जटिल और विश्वसनीय नाभिकीय त्रिकोण में बदल पाने का अत्यंत दुष्करकार्य भारतीय वैज्ञानिकों की प्रतिभा और अनवरत प्रयासों तथा बहादुर सैनिकों के साहस और समर्पण की भावना से ही संभव हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस नई उपलब्धि ने भारत के नाभिकीय त्रिकोण स्थापित करने के लिए आवश्यक क्षमता और दृढ़ता के संबंध में उठाए जाने वाले सभी सवालों को खारिज कर दिया है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के लोग शक्तिमान भारत बनाने और नए भारत का निर्माण करने की आकांक्षा रखते हैं और इसके लिए भारतीयों ने अनवरत प्रयासों से अनेक चुनौतियों का सफलातपूर्वक सामना किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक सशक्त भारत न सिर्फ सवा सौ करोड़ से अधिक भारतीयों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करेगा, बल्कि आज के अनिश्चितता तथा आशंकाओं से भरे विश्व में वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए आधार स्तंभ भी रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक ज़िम्मेदार राष्ट्र के रूपमें भारत ने एक मजबूत परमाणु कमांड और नियंत्रण संरचना, प्रभावशाली सुरक्षा व्यवस्था और पूर्ण राजनैतिक नियंत्रण, देश की नाभिकीय कमांड प्राधिकरण के अधीन स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत प्रामाणिक न्यूनतम निवारण और परमाणु हथियारों के प्रथम इस्तेमाल नहीं करने की अटल बिहारी बाजपेयी की नीति, जो उनकी अध्यक्षता में कैबिनेट की सुरक्षा समिति ने 4 जनवरी 2003 को निर्धारित की थी, के लिए प्रतिबद्ध है।