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देश में आज 'वह स्थिति' नहीं है-राष्ट्रपति

राष्‍ट्रपति से मिले एनडीसी कोर्स के शिक्षक और सदस्‍य

'एनडीसी सैन्य व सिविल सेवाओं का बेजोड़ पाठ्यक्रम'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 12 November 2018 05:51:46 PM

ram nath kovind with the faculty and course members of 58th ndc course

नई दिल्ली। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्‍ट्रपति भवन में आज 58वें एनडीसी कोर्स के शिक्षकों और सदस्‍यों ने मुलाकात की। राष्‍ट्रपति ने एनडीसी कोर्स के शिक्षकों और सदस्‍यों का स्‍वागत करते हुए कहा कि आज एनडीसी कोर्स एक बेजोड़ पाठ्यक्रम है, जिसमें सशस्‍त्र सेनाओं और सिविल सेवाओं के अधिकारी एक साथ हिस्‍सा लेते हैं। उन्होंने कहा कि इस कोर्स में 22 प्रतिभागी देशों के 25 सदस्‍यों ने भी हिस्‍सा लिया था। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि वैश्विक वातावरण आज चुनौतीपूर्ण और गतिशील है, एक समय था, जब राष्‍ट्र की प्रादेशिक अखंडता बनाए रखने के लिए सुरक्षा और प्रतिरक्षा एक-दूसरे के पर्याय थे, आज 'वह स्थिति' नहीं है। उन्होंने कहा कि आज जब हम सुरक्षा की बात करते हैं तो उसमें आर्थिक और ऊर्जा सुरक्षा के साथ साइबर सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, खाद्य, उभरती हुई प्रौद्योगि‍कियां और पर्यावरण जैसे सभी विषय सुरक्षा से संबद्ध हो गए हैं।
राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि जिस तरह से दुनिया परस्‍पर जुड़ती जा रही है, उसमें राष्‍ट्रीय सीमा से परे राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक उतार-चढ़ाव का हमारी सुरक्षा पर पहले से ज्यादा असर पड़ रहा है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि सुरक्षा के क्षेत्र में आज विभिन्‍न विषयों को एक साथ रखकर समन्वित ढंग से काम करना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन भारत जैसी लोकतांत्रिक प्रणाली में इसके लिए सरकार की विभिन्‍न एजेंसियों और विभागों को और यहां तककि निजी क्षेत्र को भी समन्‍वय से काम करने की आवश्‍यकता है। उन्होंने कहा कि इसका यह अर्थ है कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं और लोकसेवकों को रक्षा सेनाओं की क्षमताओं और सोच को अवश्‍य समझना होगा।
राष्‍ट्रपति ने कहा कि इसी तरह सैन्‍य अधिकारियों को भी संवैधानिक और प्रशासनिक फ्रेमवर्क के प्रति जागरुक होने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि इस दिशा में किसी भी राष्‍ट्र की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह अपने मानव संसाधनों का विकास कितने प्रभावकारी ढंग से करता है, इसलिए इस संदर्भ में एनडीसी पाठ्यक्रम महत्‍वपूर्ण है, जिसमें करीब 11 महीने तक सिविल और सैन्‍य अधिकारियों को एक साथ रहने का मौका मिला, इस दौरान प्रतिभागी अधिकारियों को अपनी विशेषज्ञता और संबद्ध नज़रिया साझा करने का भी अवसर मिला होगा। एनडीसी पाठ्यक्रम की अध्‍ययन सामग्री में छह घटक शामिल किए गए थे, जिनमें सामाजिक एवं राजनीतिक अध्‍ययन, भारतीय समाज और राजनीति की मुख्‍य विशेषताओं को व्‍यापक रूपसे समझने का अवसर प्रदान करता है और आर्थिक सुरक्षा संबंधी अध्‍ययन से उन सिद्धांतों और प‍द्धतियों को समझने में मदद मिलती है, जो आर्थिक प्रवृतियों और व्‍यापक सुरक्षा पर उनके प्रभाव को स्‍पष्‍ट करती हैं।
एनडीसी पाठ्यक्रम में शामिल तीन अन्‍य विषयों में अंतर्राष्‍ट्रीय सुरक्षा वातावरण, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण सहित वैश्विक मुद्दे और सामरिक दृष्टि से महत्‍वपूर्ण भारत के पड़ौसी देश हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि राष्‍ट्रीय सुरक्षा के लिए कार्य नीतियां और संरचनाएं इस पाठ्यक्रम के अध्‍ययन का अंतिम लक्ष्‍य रहा है। उन्होंने कहा कि इस कोर्स से सैन्‍य अधिकारियों में जानकारी का विस्‍तार हुआ है, इससे वे राष्‍ट्रीय सुरक्षा परिप्रेक्ष्‍य में अपनी योग्‍यताओं का बेहतर इस्‍तेमाल कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि एनडीसी और कोर्स के अंतर्राष्‍ट्रीय प्रतिभागियों को भी निश्चित रूपसे भारत को करीब से समझने में मदद मिली होगी।

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