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अयोध्या में अशांति की सारी आशंकाएं निर्मूल हुईं

धर्मसभा में श्रीराम मंदिर के साथ मथुरा काशी का भी उद्घोष

अयोध्या में पुख्ता सुरक्षा प्रबंध से धर्मसभा भी अभिभूत हुई

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 25 November 2018 09:06:13 PM

ayodhya mein dharmasabha

अयोध्या। अयोध्या में धर्मसभा में अशांति और किसी अनहोनी की सारी आशंकाएं निर्मूल साबित हुईं। विश्व हिंदू परिषद एवं उसके सहायक संगठनों, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और ‌शिवसेना ने अपने कार्यक्रम शांतिपूर्ण आयोजित किए और अयोध्या धर्मसभा में श्रीराम मंदिर उद्घोष किया। धर्मसभा की रणनीति केवल श्रीराम मंदिर तक सीमित नहीं रही, अपितु इसबार विहिप ने मथुरा और काशी का मुद्दा भी इसमें लहरा दिया। गौरतलब है कि अभीतक श्रीराम मंदिर ही मुद्दा था, लेकिन राजनीतिक दलों के मुस्लिम तुष्टिकरण की इंतहा ने काशी और मथुरा को भी मुद्दा बना लिया है। धर्मसभा में सभी वक्ताओं ने सरकार से बिल्कुल साफ-साफ कहा कि वह अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए कोई भी रास्ता अपनाए लेकिन उनको वहां पहले श्रीराम मंदिर चाहिए। अयोध्या में सुरक्षा के प्रबंध चाकचौबंद थे, जिनसे सरकार और सभी हिंदू संगठन अभिभूत हुए। उत्तर प्रदेश पुलिस को सुरक्षा और कानून व्यवस्‍था के लिए बधाई तो मिलनी ही चाहिए।
महाराष्ट्र से दो रेलगाड़ियों में भरकर शिवसेना अयोध्या ‌आई थी। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने परिवार के साथ अयोध्या में अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम पूर्ण किए। शिवसैनिकों ने अयोध्या में अपने बैनर लगाए और शिवसेना का पूरा प्रचार किया, लेकिन शिवसेना को लेकर जिस प्रकार की आशंका जताई जा रही थीं, उन्हें शिवसैनिकों ने अपने सद्व्यवहार से निर्मूल कर दिया। उद्धव ठाकरे ने धर्मसभा को संबोधित भी किया और एक प्रेस कॉंफ्रेंस भी की, जिसमें उन्होंने भाजपा और मोदी सरकार को तेवर भी दिखाए। उन्होंने कहा कि अगर यह सरकार मंदिर नहीं बना पाएगी तो यह सरकार आगे रह भी नहीं पाएगी। उन्होंने सवाल किया कि क्या इन चार साल में मंदिर निर्माण की कोई संभावना ही नहीं मिली? उन्होंने कहा कि अब हम हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ नहीं होने देंगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि श्रीराम मंदिर तो यहां जरूर बनेगा। उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुनाव के दौरान राम-राम और उसके बाद आराम नहीं चलेगा। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुखर होकर भारतीय जनता पार्टी को घेरा, अयोध्या में धर्म सभा में आए शिवसैनिकों ने एक धर्ममय माहौल बना दिया है और यहां के साधु संत भी शिवसैनिकों से बहुत प्रभावित हुए। शिवसेना प्रमुख के एक पंथ दो काज सिद्ध हो गए हैं।
अयोध्या में ऐसा वातावरण निर्मित हुआ है, जिसमें यह संदेश जा रहा है कि सरकार पर विश्व हिंदू परिषद आरएसएस और शिवसेना ने आरपार का दबाव बनाया है। श्रीराम मंदिर के लिए हिंदू संगठनों ने हुंकार भरी और मोदी सरकार से कहा कि अब अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण की आगे प्रतीक्षा नहीं की जाएगी और यदि केंद्र सरकार ऐसा नहीं कर पाई तो लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं दिया जाएगा। अयोध्या में धर्मसभा दोपहर 12 बजे शुरू हुई। धर्मसभा में मंच पर दिग्गज हिंदू नेता और साधु संत मंडलेश्वर महंत मौजूद थे। उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने मीडिया को बताया कि अयोध्या में पूरी तरह शांति रही और लोगों ने पहले की तरह रामलला के दर्शन शांतिपूर्ण ढंग से किए, किसी तरफ से कोई भी अप्रिय समाचार नहीं मिला। गौरतलब है कि बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी और देवबंद के मौलाना कई दिन से शोर मचा रहे थे कि अयोध्या में मुसलमान डरे हुए हैं और वह सुरक्षित नहीं हैं, जिससे वे सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। इकबाल अंसारी ने सुरक्षा की मांग की थी, जिसको देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने उनकी सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध किए थे।
अयोध्या में अशांति की आशंका का माहौल व्यक्त करनेवाले और भी लोग थे। लखनऊ से एक मीडिया रिपोर्ट ऐसी थी कि जिसमें कहा गया था कि अयोध्या का माहौल बहुत खराब है और मुसलमान लोगों ने घर छोड़ दिए हैं और कई घरों पर ताले पड़े हैं। अयोध्या में तो इसके उलट स्थिति देखी गई है। इतनी भीड़ के बावजूद वहां पर एक भी घटना ऐसी नहीं हुई, जिससे कोई तनाव की स्थिति बने। अशांति की आशाओं को इस कदर उछाला गया कि अयोध्या के बारे में समझा जा रहा था कि पता नहीं 25 नवंबर को अयोध्या में क्या होगा। विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस और शिवसेना के सैनिकों ने शांतिपूर्ण वातावरण बनाकर श्रीरामलला के दर्शन किए और श्रीराम मंदिर के लिए अपने आध्यात्मिक भाव प्रकट करते हुए सरकार से श्रीराम मंदिर बनवाने की मांग की। अयोध्या में अशांति की आशंका व्यक्त करने वालों में वही लोग सबसे ज्यादा हैं, जिन्होंने देश के अंदर सांप्रदायिक माहौल को पूरी तरह बिगाड़ा है। देवबंद में दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अब्दुल कासिम नोमानी ने बाकायदा बयान जारी करके आशंका व्यक्त की और कहा कि अयोध्या में भय के माहौल से मुस्लिम पलायन को मजबूर हैं।
अब्दुल कासिम नोमानी ने अयोध्या में श्रीराम के मंदिर पर कहा कि दारुल उलूम अयोध्या में हो रहे जमावड़े पर चिंता जाहिर करता है और अदालत के फैसले के बिना मंदिर बनाने की कवायद और बयानबाजी से मुल्क में खौफ के हालात बनाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने अपनी बयानबाजी की है और कहा है कि यूएनओ को अयोध्या पर नजर रखनी चाहिए, क्योंकि अयोध्या में जो हो रहा है, उससे मुसलमान मायूस हैं। अयोध्या में धारा 144 को लेकर एक नया मोड़ देने राजभवन पहुंचे शिवपाल सिंह यादव ने सवाल किया कि अयोध्या में धारा 144 लागू है, लेकिन अयोध्या में धर्मसभा हो रही है। कार्यक्रम की अनुमति आयोजकों ने पूर्व में ही प्राप्त की थी और अनुमति के क्रम में ही सभा हो रही है। यह भी कहा जा रहा है कि अयोध्या एक धार्मिक व आध्यात्मिक नगरी है, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का स्नान, दर्शन व पूजन के लिए आगमन होता रहता है और धारा 144 में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं कि शांतिपूर्ण तरीके से स्नान, दर्शन व पूजन के लिये किसी को रोका जाए।
अयोध्या में सभी परम्परागत कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित हो रहे हैं। अयोध्या प्रशासन मुस्तैद है, यहां की सुरक्षा व्यवस्था में कोई कमी नहीं दिखाई दी है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने राज्य मुख्यालय पर मीडिया से कहा कि अयोध्या में भक्तमाल की बगिया में धर्मसभा से लेकर श्रीराम लला के दर्शन तक के सभी धार्मिक कार्यक्रम पर्याप्त सुरक्षा-व्यवस्था लगाकर कुशलतापूर्वक करा दिए गए हैं। जनपद अयोध्या को 9 जोन एवं 17 सेक्टर में बांटकर सुरक्षा कर्मी लगाए गए थे। सुरक्षा बलों ने सुनिश्चित किया कि न्यायालयों के निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन किया जाए और कोई नई परिपाटी या नई व्यवस्था को उत्पन्न नहीं होने दिया गया। अयोध्या में 13 पार्किंग स्थल चिन्हित कर लगभग 2,000 बसों की पार्किंग सुव्यवस्थित ढंग से कराई गई थी। यूपी पुलिस ने बताया कि आज लगभग 67,888 व्यक्तियों ने श्रीराम जन्मभूमि परिसर में श्रीराम लला के दर्शन किए। एचएचएमडी और डीएफएमडी से प्रत्येक व्यक्ति की सघन चेकिंग की गई। राज्य तथा केंद्रीय बलों ने रूफटाफ ड्यूटी, वाचर ड्यिूटी एवं गुप्तचर पुलिस लगाकर कार्यक्रम सकुशल सुनिश्चित किया।
अयोध्या में ड्रोन कैमरों से कार्यक्रम स्थल की निगरानी की गई। सोशल मीडिया के माध्यम से अधिकृत सूचनाओं को डीजीपी मुख्यालय ने संकलित किया एवं प्रिंट, विजुअल तथा सोशल मीडिया को समय-समय पर अवगत कराया गया, जिससे अफवाहें पैदा नहीं हो सकीं। पुलिस महानिदेशक के मुख्यालय के नियंत्रण कक्ष में कल प्रात: से ही अतिरिक्त अधिकारी लगाए गए थे। यह ड्यिूटी 26 नवंबर तक चलती रहेगी। इसी प्रकार कल ही लक्ष्मण किला मैदान में पुलिस बल लगाकर धार्मिक कार्यक्रम सकुशल सम्पन्न कराया गया। सरयू आरती भी सकुशल सम्पन्न हुई। अयोध्या में सभी कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने वाले व्यक्ति अपने गंतव्य स्थान को प्रस्थान कर गए हैं। प्रत्येक ट्रेन को प्रदेश की सीमा तक सिविल पुलिस के एक उपनिरीक्षक, दो मुख्य आरक्षियों एवं 4 आरक्षियों ने स्कोर्ट किया है, जिससे कोई अप्रिय घटना घटित न हो सके। अयोध्या में पुलिस के प्रबंध को काफी सराहना मिल रही है।

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