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Thursday 6 December 2018 05:36:52 PM
लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज भारतरत्न बोधिसत्व डॉ भीमराव आंबेडकर के 63वें परिनिर्वाण दिवस पर आंबेडकर महासभा जाकर बाबासाहेब को श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनके अस्थिकलश के भी दर्शन किए। इससे पूर्व राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने हजरतगंज पर भी डॉ भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल ने इस अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिज्ञा करें कि डॉ भीमराव आंबेडकर ने संविधान में नागरिकों को जो दायित्व और अधिकार दिए हैं, उसका लाभ समाज के अंतिम पायदान पर बैठे हुए व्यक्ति तक पहुंचे, जिससे उसे लगे कि स्वराज है। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर संविधान के शिल्पकार हैं, यह कहना आसान है पर सबकी सुनकर और सहमति के आधार पर संविधान का निर्माण करना वास्तव में मुश्किल काम है।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि बाबासाहेब का मानना था कि हमें छोटी-छोटी बातों पर उलझना या टकराना नहीं चाहिए, बल्कि सौहार्दपूर्ण तरीके से समस्या का हल निकालने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब ने न केवल देश को संविधानरूपी शक्ति प्रदान की, बल्कि सामाजिक न्याय की दृष्टि भी दी। उन्होंने कहा कि जबतक देश में जनतंत्र है, बाबासाहेब का दिया हुआ संविधान हमारा मार्गदर्शन करेगा। राज्यपाल ने कहा कि बाबासाहेब का मानना था कि शिक्षा से ही परिवर्तन लाया जा सकता है, स्वयं उन्होंने जिन परिस्थितियों में प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त की और बाद में विश्व के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों से शिक्षा ग्रहण की, उनसे प्रेरणा प्राप्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान अविस्मरणीय है और उन्होंने समाज के दबे-कुचले एवं वंचित लोगों के उन्नयन का जो संकल्प लिया था, उसके लिए वे आजीवन प्रयासरत रहे। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब ऐसे महापुरुष हैं, जिन्हें धर्म, वर्ण एवं भाषा की परिधि में नहीं बांधा जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि वे आंबेडकर महासभा में लगातार आते रहे हैं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यहां आ चुके हैं। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने संविधान की मूल प्रति आंबेडकर महासभा को भेंट की है। उन्होंने कहा कि जिनके प्रति श्रद्धा है, उनका सही नाम लिखा जाना चाहिए इस दृष्टि से उन्होंने डॉ भीमराव आंबेडकर का सही नाम लिखे जाने का प्रयास किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अभिनंदन के पात्र हैं, जिन्होंने सरकारी कार्यालयों में बाबासाहेब का चित्र लगाने के लिए आदेश किए। राज्यपाल ने कहा कि बाबासाहेब से जुडे़ स्थानों पर जाकर ऐसे संदेश मिलते हैं, जो समाज के लिए काम करने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब के बारे में अध्ययन करना चाहिए और देश का लोकतांत्रिक स्वरूप कैसा हो, उनकी दृष्टि से समझने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर ऐसे महामानव थे, जिन्होंने समतामूलक समाज के निर्माण तथा दबे-कुचले एवं वंचित समाज को सत्ता में आगे बढ़ाने का काम किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबासाहेब से जुडे़ 5 स्थानों को पंचशील के रूपमें विकसित किया है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर यह भी जानकारी दी कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों को छात्रवृत्ति की पहली किस्त भेजी जा चुकी है तथा अगली किस्त 26 जनवरी के पहले भेज दी जाएगी, नई योजना के तहत राशन कार्ड भी उपलब्ध कराए जाएंगे तथा विधवाओं की पेंशन हेतु स्वीकृतियां भी दे दी गई हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक विषमता को दूर करने एवं स्वरोज़गार उपलब्ध कराने की दृष्टि से अनेक योजनाएं लागू की जा रही हैं। कार्यक्रम में आंबेडकर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश अनसूचित जाति-जनजाति एवं वित्त विकासनिगम के अध्यक्ष लालजी निर्मल ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, रीता बहुगुणा जोशी, लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।