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बैंकिंग प्रणाली पर फंसे कर्जों का दबाव-वित्तमंत्री

भारतीय दिवाला व शोधन अक्षमता पर न्यूयॉर्क में सम्मेलन

'प्राथमिकता देकर कठिनाइयों को दूर कर रही है सरकार'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 8 December 2018 03:57:59 PM

arun jaitley

न्‍यूयॉर्क/ नई दिल्ली। भारत सरकार के वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ‘भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता कोड-फंसे हुए कर्ज के लिए नए प्रतिमान’ विषय पर न्‍यूयॉर्क में आयोजित सम्‍मेलन में कहा है कि भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता कोड 2016 कानून से पहले अस्‍त-व्‍यस्‍त शासन ने कुछ क्षेत्रों में घरेलू-निजी निवेश को प्रभावित किया है, जिससे बैंकिंग प्रणाली में फंसे हुए कर्जों का स्‍तर काफी हदतक बढ़ा है, इसका विकास पर भी बहुत असर पड़ा है। वित्तमंत्री ने इन चिंताओं को दूर करने के लिए कहा कि सरकार ने न केवल इस संबंध में कानून बनाया है, बल्कि अभूतपूर्व गति से वह इसका कार्यांवयन भी कर रही है। उन्‍होंने कहा कि सरकार प्राथमिकता देकर कठिनाइयों को दूर कर रही है, आरंभिक दिक्‍कतों के बावजूद कोड के कार्यांवयन के अनुमान से बेहतर नतीजे सामने आए हैं, यह प्रक्रिया शर्तों और नियमों पर संचालित है तथा सरकार प्रक्रिया से निकटता बनाने से बच रही है और उसका कोई कृपापात्र नहीं है। सम्मेलन का आयोजन आईबीबीआई ने न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूत के साथ संयुक्त रूपसे किया था।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि केवल एकमात्र नकारात्‍मक पहलू यह है कि कुछ मामलों में अपीलों और उसके विरोध में अपीलों तथा मुकद्मेबाजी के कारण इस प्रक्रिया में देरी हुई है, लेकिन इसके बाद उच्‍चतम न्‍यायालय खड़ा हुआ। पूर्व में ही ऋणों की अदायगी करने के लिए ऋणदाताओं के अनिच्‍छुक होने का जिक्र करते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि कोड ने भारत में ऋणदाताओं और ऋण लेने वालों के सम्‍बंध में महत्‍वपूर्ण बदलाव किया है। अरुण जेटली ने कहा कि बड़ी संख्‍या में वे कर्जदार, जिन्‍हें यह डर होता है कि वह लाल रेखा के करीब पहुंचने वाले हैं, जिसके बाद वे नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्‍यूनल में होंगे, अब दिवालिया घोषित होने से परहेज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित रूपसे इन कुछ वर्ष में अब यह स्‍थापित हो गया है कि भारत तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था है, कुछ उभरती अर्थव्‍यवस्‍थाओं से भी तेज। उन्होंने कहा कि मेरा विचार है कि भारत अगले कुछ दशक में कम से कम 7-8 प्रतिशत की विकास दर को बनाए रखेगा। अरुण जेटली ने कोड के अंतर्गत प्रक्रियाओं से निकलने वाले निवेश अवसरों पर कहा कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की भविष्य की संभावनाओं और कोड के अंतर्गत अपनाई जा रही निष्‍पक्ष प्रक्रियाओं को देखते हुए उन निवेशकों के लिए यह उत्तम अवसर है, जो भारत में निवेश के बारे में गंभीरता से विचार कर रहे हैं।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वर्तमान से बेहतर अवसर नहीं हो सकता, जिसकी पेशकश इस कोड के जरिए की गई है और भारत में इस तरह के निवेशों के लिए यह सही समय है। उन्होंने कॉरपोरेट कर्जदाता जिनका समाधान निकाला जा रहा है, उनकी संख्‍या के बारे में कहा कि कोड के जरिए उपलब्‍ध परिसंपत्तियों की संख्‍या काफी अधिक है। आईबीबीआई के अध्‍यक्ष डॉ एमएस साहू ने नए शासन की प्रमुख विशेषताओं की जानकारी दी, जो ऋणशोधन अक्षमता के समाधान के लिए जहां कहीं संभव हो वहां एक बाज़ार तंत्र और जहां जरूरी हो वहां निकासी प्रदान कर रहे हैं। वित्त मंत्रालय में प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्‍याल ने कहा कि कोड ने भुगतान स्‍थगितकर कर्ज के पुनर्वित्तीयन और गैर मियादी ऋण की संस्‍कृति को बदल दिया है। न्‍यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्‍य दूत संदीप चक्रवर्ती ने व्‍यवसाय को आसान बनाने के लिए जीएसटी और कोड सहित गहरे आर्थिक सुधारों के कारण इन पांच वर्ष में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में आए बदलाव की ओर ध्‍यान आकर्षित किया।
दिवाला सम्‍मेलन के बाद भारतीय शोधन अक्षमता व्‍यवस्‍था के प्रत्‍याशित साझेदारों के साथ बैठक हुई। इसमें किर्कलैंड, केकेआर, हार्टफोर्ड, वॉचटेल, लिप्‍टन, रोजन, केटीसी, देबेवॉयस, प्लिंपटन, एमएसडी, रफेल श्‍योरटी ग्रुप और भारतीय स्‍टेट बैंक सहित निधियन घरानों और कानूनी फर्मों ने हिस्‍सा लिया। इसमें भाग लेने वालों को प्रक्रिया सम्‍बंधी निश्चितता, समय की निश्चितता और नतीजों की निश्चितता को लेकर उत्‍सुकता थी। सम्‍मेलन को भारत के दूतावास में आर्थिक सचिव डॉ अरुणीश चावला, शरदूल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के कार्यकारी अध्‍यक्ष और नेशनल प्रेक्टिस हैड शरदूल श्रौफ, आईबीबीआई की कार्यकारी निदेशक डॉ ममता सूरी, शरदूल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के साझेदार अनूप रावत, आईसीआईसीआई बैंक के कानूनी प्रमुख नीलांजन सिन्‍हा, समाधान और पुनर्गठन विशेष स्थिति समूह, केपीएमजी के साझेदार प्रमुख मनीष अग्रवाल, वर्दे पर्टनर्स के वरिष्‍ठ प्रबंध सहयोगी अनीक मामिक, बेकर एंड मेकेंजी में साझेदार देबरा ए डंडेनीउ, प्राइवेट इक्विटी एंड डील्‍स, प्राइस वाटर हाउस कूपर्स प्राइवेट लिमिटेड के साझेदार और प्रमुख संजीव कृष्‍णन, आईसीएआई शोधन अक्षमता प्रोफेशनल एजेंसी के निदेशक संजय गुप्‍ता, कॉरपोरेट वित्त और पुनर्गठन, डेलॉयट इंडिया के साझेदार और राष्‍ट्रीय प्रमुख सुमित खन्‍ना, दिवाला मुकद्मा वकील कर्मवीर दहिया और फिक्‍की की उपमहासचिव ज्‍योति विज ने भी संबोधित किया।

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