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Tuesday 11 December 2018 03:04:22 PM
गोरखपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह के समापन समारोह पर महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूपमें संबोधित करते हुए कहा है कि शिक्षा विकास की कुंजी होती है, शिक्षा विकास और समाज के निर्माण की आधारशिला है, सही मायने में उसी समाज और व्यक्ति को शिक्षित माना जा सकता है, जहां प्रेम, करुणा और सद्भाव जैसे गुणों को समान महत्व दिया जाए, शिक्षा बच्चों को अच्छा इंसान बनाती है। राष्ट्रपति ने कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान राष्ट्रीय स्वाभिमान से जुड़ी आधुनिक शिक्षा प्रदान करने का एक अभियान शुरू हुआ था, महामना मदनमोहन मालवीय के बीएचयू से लेकर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ के महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना इसी शिक्षा अभियान का ज्वलंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सन् 1932 में इस परिषद की स्थापना गोरखपुर तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा के विकास को गति और दिशा प्रदान करने में मील का पत्थर साबित हुई है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि गोरखपुर में मदनमोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी और बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में तकनीकी और मेडिकल शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, यहां एम्स का निर्माण भी प्रगति पर है, जिससे इस क्षेत्र में चिकित्सा और मेडिकल एजुकेशन के स्तर में वृद्धि होगी और यहां टेक्निकल, मेडिकल और प्रोफेशनल एजुकेशन के क्षेत्र में अनेक निजी संस्थान भी अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा परिषद के संस्थापकों ने बहुत सोच समझकर इसे महाराणा प्रताप के नाम से स्थापित किया, जिन्होंने समाज के प्रत्येक वर्ग को साथ लेकर आजीवन संघर्ष करते हुए पराक्रम और बलिदान के एक ऐसे स्वर्णिम अध्याय की रचना की है, जो सदैव हम सबके लिए प्रेरणा का स्त्रोत बना रहेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि देश में युवाओं की सबसे बड़ी संख्या उत्तर प्रदेश में ही है और यह अपने आपमें बहुत बड़ी सम्पदा है। राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश विकास की ओर अग्रसर है, यहां इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीति लागू की गई है, इसके तहत उत्तर प्रदेश स्टार्टअप फंड, आईटी पार्क्स तथा ईज़ आफ डुइंग बिजनेस के सुधारों पर विशेष जोर दिया जा रहा है, युवाओं को जॉब क्रिएटर बनने के लिए प्रोत्साहन और सुविधाएं प्रदान की जा रही है और इन प्रयासों से उत्तर प्रदेश के विकास में युवाओं की भागीदारी और भी ज्यादा बढ़ेगी।
रामनाथ कोविंद ने कहा कि पूर्वांचल के विकास के बिना प्रदेश के समग्र विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2032 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का शताब्दी वर्ष मनाया जाएगा। उन्होंने सभी का आह्वान किया कि परिषद शताब्दी वर्ष तक सुविचारित योजनाओं और प्रयासों के बल पर गोरखपुर को ‘सिटी ऑफ नॉलेज’ के रूपमें स्थापित करने का संकल्प लें। इस अवसर पर उन्होंने एक सप्ताह तक चलने वाली प्रतियोगिताओं में विजेता प्रतिभागियों में महाराणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के जंगल धूषण को गुरू गोरक्षनाथ स्वर्ण पदक, डॉ नीरज सिंह सर्वश्रेष्ठ शिक्षक को योगीराज गंभीरनाथ स्वर्ण पदक, करिश्मा वारसी सर्वश्रेष्ठ स्नातकोत्तर छात्रा को महंत दिग्विजयनाथ स्वर्ण पदक, श्रेया त्रिपाठी सर्वश्रेष्ठ स्नातक छात्रा को महंत अवेद्यनाथ स्वर्ण पदक, कृष्णामणि त्रिपाठी सर्वश्रेष्ठ माध्यमिक विद्यार्थी को महाराणा मेवाड़ स्वर्ण पदक, हिंदी भाषण प्रतियोगिता में विजेता मानस मिश्रा कनिष्ठ वर्ग, संस्कृत भाषण प्रतियोगिता के उदयांश पांडेय कनिष्ठ वर्ग, अंग्रेजी भाषण प्रतियोगिता में ईरानी पांडेय कनिष्ठ वर्ग, रामचरित मानस प्रतियोगिता में अंशिका श्रीवास्तव, श्रीमद्भागवत गीता प्रतियोगिता में पुनीत कुमार और अंशिका श्रीवास्तव को सर्वश्रेष्ठ प्रतियोगिता प्रतिभागी हेतु पंडित बब्बन मिश्र पुरस्कार देकर सम्मानित किया एवं सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं भी दीं।
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह के समारोह में राज्यपाल राम नाईक भी उपस्थित थे। उन्होंने छात्र-छात्राओं को निरंतर आगे बढ़ते रहने का संदेश दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अतिथियों का स्वागत करते हुए महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना से लेकर शिक्षा एवं चिकित्सा के क्षेत्र में उसके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद शिक्षा एवं समाजसेवा के लिए 44 संस्थान चला रही है, जिसमें 50 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं विभिन्न संस्थाओं में अध्ययनरत हैं और समाज एवं राष्ट्र निर्माण में यह शिक्षण संस्थान व्यापक एवं गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने हेतु कार्य कर रहा है। समापन समारोह में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ल, शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष और पूर्व कुलपति प्रोफेसर उदय प्रताप सिंह, कृषिमंत्री सूर्यप्रताप शाही, सांसद, विधायक, महापौर, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।