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Monday 24 December 2018 10:56:04 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने अंतर्राष्ट्रीय संस्था यूनेस्को द्वारा कुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल करने, भारत की योग शक्ति को यूएनओ ने मान्यता देते हुए प्रतिवर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का उल्लेख करते हुए कहा है कि दुनिया अब भारत की शक्ति पहचानने लगी है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज कुम्भ-2019 भी विश्व को भारत की सांस्कृतिक श्रेष्ठता से परिचित कराएगा। राज्यपाल ने यह बातें युवा कुम्भ के उद्घाटन सत्र में कहीं। युवा कुम्भ में उपस्थित युवाओं को प्रयागराज कुम्भ में आने का आमंत्रण देते हुए उन्होंने कहा कि कुम्भ में उमड़ने वाला स्वतः स्फूर्त जनसागर उन सभी को कुम्भ की चुम्बकत्व शक्ति से परिचित होने का अवसर देगा।
युवा कुम्भ के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थे। उन्होंने कहा कि भारत देश के युवाओं ने पूरे विश्व में अपनी ऊर्जा और प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपनी परम्परा और संस्कृति से जुड़ना चाहिए। उन्होंने युवाओं को षडयंत्रकारी शक्तियों से सचेत रहते हुए अपनी ऊर्जा और क्षमता को राष्ट्र निर्माण में लगाने की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय परम्परा को लांछित करने वाली शक्तियां कुम्भ को पर्यावरण, महिला, युवा विरोधी बताती हैं, यह धारणा उचित नहीं है, इसीलिए पांच वैचारिक कुम्भों का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि काशी में पर्यावरण कुम्भ, आगरा में नारी शक्ति कुम्भ, अयोध्या में समरसता कुम्भ का आयोजन किया जा चुका है, यहां के पश्चात प्रयागराज में संस्कृति कुम्भ का आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति से अधिक पर्यावरण हितैषी कोई नहीं है, जिसमें पशु, पक्षी, पेड़, पौधों आदि की भी उपासना की जाती है, धरती, गंगा, गाय आदि को मां मानने वाली संस्कृति और समाज नारी विरोधी नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि कुम्भ सभी भेद-भाव से रहित है, इसमें सभी जाति, मत, मजहब, क्षेत्र, भाषा के लोग स्वतः स्फूर्त भाव से सम्मिलित होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ में 12 से 15 करोड़ लोगों का प्रेरणादायी संगम होगा, कुम्भ भारत की एकतात्मकता और अखंडता का प्रतीक है, बोली-भाषा, खान-पान, रूप-रंग अलग होते हुए भी भारत एक राष्ट्र और एक संस्कृति है। उन्होंने कहा कि हमारे उपासना स्थल हमारी एकता और एकात्मकता के केंद्र हैं, कुम्भ का आयोजन हमारे देश की इसी एकात्मकता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार हुआ है कि कुम्भ की तैयारियां देखने के लिए 70 देशों के राजदूत प्रयागराज आए, साढ़े चार सौ बरस में पहली बार केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार ने कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन की व्यवस्था की है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज का इतिहास हजारों-हजार वर्ष का है, कुम्भ का आयोजन गंगा, यमुना तथा सरस्वती की त्रिवेणी के संगम पर होता है, किंतु इसका सम्बंध सम्पूर्ण प्रयागराज क्षेत्र से है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भारद्वाज आश्रम, कुम्भ के इष्टदेव वेणी माधव सहित सभी प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष स्थलों का पुनरुद्धार कराया है, प्रयागराज में भारद्वाज मुनि और माँ सरस्वती की भव्य प्रतिमा भी स्थापित कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कुम्भ में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं, पहली बार जल, थल और नभ मार्ग से प्रयागराज आने की व्यवस्था की गयी है, 16 दिसम्बर को प्रधानमंत्री ने हवाई अड्डे के सिविल टर्मिनल का शुभारम्भ भी कर दिया है। उन्होंने कुंभ में सभी बुनियादी व्यवस्थाओं का ज़िक्र किया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सहसरकार्यवाह एवं युवा कुम्भ के मुख्य वक्ता डॉ कृष्ण गोपाल ने कुम्भ के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि कुंभ की परम्परा अत्यंत प्राचीन है, इसमें गंगा स्नान का प्रतीकात्मक महत्व है। उन्होंने कहा कि वस्तुतः यह समाज की परिस्थिति पर चिंतन-मंथन के लिए चिंतकों और साधकों का समागम है। उन्होंने कहा कि कुम्भ में पूरे देश के सभी भागों की भागीदारी का कारण आध्यात्मिक भाव है, यही आध्यात्मिक भाव इस देश की आधारशिला और एकता की गारंटी भी है।
युवा कुम्भ में स्वागत भाषण लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह ने दिया। उन्होंने कहा कि सृजन और निर्माण के लिए डिवोशन, डेडिकेशन, डिटरमिनेशन और डिसिप्लिन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि समर्थ भारत के निर्माण की ऊर्जा युवा है, यह निर्माण संस्कारवान और अनुशासित युवाओं से ही सम्भव है। उन्होंने कहा कि युवा कुम्भ युवाओं को मार्ग दिखाने के लिए है। राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री और मंचासीन ने पुस्तिका जाग रे नचिकेता जाग का विमोचन भी किया। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षामंत्री आशुतोष टंडन, लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया, विधायक जयप्रकाश चतुर्वेदी, पंकज सिंह, जनप्रतिनिधि, युवा कुम्भ के राष्ट्रीय संयोजक शतरुद्र प्रताप, गणमान्य नागरिक तथा बड़ी संख्या में युवा उपस्थित थे।