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Thursday 27 December 2018 06:43:18 PM
लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि यूपी की कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है। राज्यपाल ने यह बात आज वार्षिक पुलिस सप्ताह पर पुलिस लाइन लखनऊ में रैतिक पुलिस परेड का निरीक्षण पर अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, महापौर संयुक्ता भाटिया, मंत्रिमंडल के सदस्य, मुख्य सचिव डॉ अनूपचंद्र पांडेय, पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह, प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक, प्रशासनिक एवं पुलिस के अधिकारी और पुलिस के जवान उपस्थित थे। राज्यपाल राम नाईक ने इस अवसर पर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों एवं आश्रितों को विश्वास दिलाया कि सरकार उनकी सुरक्षा एवं देखभाल के लिए सदैव कार्य करेगी।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि आबादी की दृष्टि से सबसे बड़ा प्रदेश होने के कारण उत्तर प्रदेश में पुलिस बल का कार्य एवं दायित्व और अधिक बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था का मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण होता है, पुलिस बल अपने सीमित संसाधनों, कठोर परिश्रम, अनुशासन एवं कर्तव्यनिष्ठा से कानून व्यवस्था के साथ-साथ आतंकवाद और नक्सलवाद जैसी चुनौतियों पर प्रभावी नियंत्रण बनाता है। अपराधियों के विरुद्ध ज़ीरो टालरेंस नीति की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि मौजूदा समय में प्रदेश में कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है, जिसका परिणाम है कि 11,981 अपराधियों ने आत्मसमर्पण किया है, 69 अपराधी मुठभेड़ में मारे गए हैं, 16,876 व्यक्तियों पर गैंगस्टर एक्ट तथा 281 व्यक्तियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की गई है।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि पुलिस बल की त्वरित कार्रवाई से संगठित अपराध में और प्रभावी नियंत्रण आ सकता है। राम नाईक ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वायड एवं वूमेन पावर लाइन 1090 अच्छा कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि 1 जनवरी से 30 नवम्बर 2018 तक कुल 2,48,172 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें 90 प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण किया गया। प्रदेश में एसटीएफ ने भी अपराधियों पर अंकुश लगाने का सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि 1,018 कुख्यात एवं इनामी अपराधियों को गिरफ्तार कर 376 अवैध शस्त्र बरामद किए गए हैं, मादक पदार्थों के 76 एवं वन्यजीव के 44 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम की दिशा में भी प्रदेश में विशेष कार्य किया जा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था के सुधरने के कारण ही माह फरवरी में हुई इंवेस्टर्स समिट में 4.28 लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, उत्तर प्रदेश में निवेशकों के अनुकूल माहौल बनने से प्रदेश में विकास का महामार्ग खुला है। राज्यपाल ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने में प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सैकड़ों वर्ष बाद प्रयागराज में कुम्भ का आयोजन हो रहा है, इसमें देश एवं विदेश से 14-15 करोड़ श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के आने का अनुमान है, ऐसे में पुलिस बल पर कुम्भ की सुरक्षा व्यवस्था का महत्वपूर्ण दायित्व है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुम्भ 2019 की सुरक्षा एवं अन्य व्यवस्था देखकर प्रसन्नता व्यक्त की थी।
राम नाईक ने वर्ष 2013 में कुम्भ में हुई भगदड़ पर जांच आयोग की रिपोर्ट का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ‘दिव्य कुम्भ’, ‘भव्य कुम्भ’, एवं ‘सुरक्षित कुम्भ’ के आयोजन के लिए संकल्पबद्ध है। राज्यपाल ने कहा कि पुलिस का सिपाही जनता के लिए सरकार का दिखाई देने वाला चेहरा होता है, आम आदमी पुलिस के व्यवहार के आधार पर अपनी राय बनाता है, पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी स्वयं को भ्रष्टाचार से मुक्त रखें। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्र को पुलिस से बहुत अपेक्षाएं होती हैं, वर्तमान में अपराध प्रदेश तक सीमित नहीं है, अब संगठित रूपसे अपराध किया जा रहा है, ऐसे में देश भर की पुलिस में सूचनाओं के आदान-प्रदान की त्वरित व्यवस्था एवं तंत्र हो। महाराष्ट्र जो उत्तर प्रदेश की तुलना में छोटा है का उदाहरण देते हुए राज्यपाल ने सुझाव दिया कि महाराष्ट्र एवं देश अन्य राज्यों की तरह प्रदेश के भी बड़े महानगरों जैसे लखनऊ, कानपुर एवं गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने पर सरकार विचार करे।
रैतिक परेड में राज्यपाल ने राजेश कुमार पांडेय, अभय कुमार, एचआर शर्मा, राकेश चंद्र साहू, जवाहर, राघवेंद्र सिंह चौहान, रमनपाल सिंह, रमाकांत पांडेय, शांतिस्वरूप, नरेशपाल सिंह और सतेंद्रपाल सिंह को वीरता पुरस्कार प्रदान किया। रैतिक परेड में आरआरएफ, महिला पुलिस, पीएसी नागरिक पुलिस, सशस्त्र पुलिस, जीआरपी, अग्नि शमन सेवा, यातायात पुलिस, एटीएस, अश्वारोही दल, मोटर साइकिल दस्ता, पुलिस दूरसंचार आदि ने सहभाग किया।