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Thursday 3 January 2019 09:32:42 PM
बुलंदशहर/ लखनऊ। बुलंदशहर के थाना स्याना क्षेत्र में पशुओं के अवैध कटान और पुलिस की अनदेखी के खिलाफ हिंसक घटना के फलस्वरूप अनवरत गिरफ्तारियों की कार्रवाई में पुलिस ने सोलह दफाओं में नामजद बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज को भी गिरफ्तार कर लिया है। राज्य मुख्यालय पर पुलिस के प्रवक्ता ने बताया दिनांक 4 दिसंबर 2018 को उप निरीक्षक सुभाष चंद्र थाना स्याना की सूचना पर मुकद्मा अपराध संख्या 583/2018 धारा 147, 148, 149, 124ए, 332, 333, 353, 341, 336, 307, 302, 427, 436, 395 भारतीय दंड विधान और 7 क्रिमिनल लॉ एक्ट एवं 3/4 सार्वजनिक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की घटना में संलिप्त योगेश राज को गिरफ्तार कर लिया गया है। बुलंदशहर पुलिस ने योगेश राज और 27 नफर नामजद एवं 50-60 अज्ञात लोगों के विरुद्ध यह मुकद्मा पंजीकृत किया था और इस अभियोग में नामजद लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे थे।
पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि 2 जनवरी 2019 की रात्रि में एक सूचना के आधार पर योगेश राज को थाना बीबीनगर पुलिस ने खुर्जा-बुलंदशहर बाईपास पर ब्रह्मानंद कॉलेज के पास टी पाइंट से गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया गया है। उल्लेखनीय है कि इस हिंसक घटना में संलिप्त बताए जा रहे 32 अभियुक्तों को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। घटना में संलिप्त अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु प्रयास किए जा रहे हैं। योगेश राज ग्राम नयाबांस मजरा साहनपुर थाना स्याना जनपद बुलंदशहर का निवासी है और पुलिस ने उसे मुख्य आरोपी के रूप में नामजद किया था। पुलिस ने इस घटना में मुख्य आरोपी तो कई बनाए, मगर पुलिस घटना के कारकों की तह तक जाने में अभी तक नाकाम है। पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक युवक सुमित की इस हिंसक घटना में मौत हुई है। पुलिस ने टीवी फुटेज के आधार पर कई युवकों को नामजद किया हुआ है और कईयों को सुनीसुनाई बातों पर अभियुक्त बनाकर उनको पकड़ रही है।
राज्य मुख्यालय पर पुलिस के प्रवक्ता आजतक बुलंदशहर कांड पर कोई कारगर कार्रवाई नहीं बता पाए हैं, मीडिया के पूछने पर वह यही कहते हैं कि एसआईटी जांच कर रही है। बुलंदशहर की घटना स्थानीय पुलिस के जनता के प्रति कर्तव्य और कानून व्यवस्था की विफलता का एक ऐसा उदाहरण है, जिसमें मारे गए पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को लेकर शुरू से ही अपनी जिम्मेदारी के प्रति घोर विफलता के लोकापवाद खुलते जा रहे हैं। पुलिस इंस्पेक्टर, इलाकाई दरोगा और कुछ सिपाहियों पर शुरू से ही आरोप हैं कि उनकी सांठगांठ से पूरे क्षेत्र में पशुओं का अवैध कटान हो रहा था और शिकायत करने पर पुलिसवाले उल्टे गांववालों को ही झूंठे मुकद्में में फंसाने की धमकी दिया करते थे। मारे गए पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के खिलाफ क्षेत्रीय जनता में कोई मामूली नहीं, बल्कि भारी रोष था, जो उस दिन गोमांस के खेत में पाए जानेपर चरम पर पहुंच गया।
बुलंदशहर की घटना में यह बात भी सामने आ ही चुकी है कि वह पुलिस इंस्पेक्टर भीड़ के लोगों को बार-बार धमका रहा था और उसके रिवाल्वर की गोली एक युवक पर चलते ही भीड़ अपना आपा खो बैठी। उसके बाद जो भी हुआ और हो रहा है, वह सबके सामने है। बताते हैं कि इस समय पूरे क्षेत्र में पुलिस ने लोगों पर क्रूरता की हदें पार कर रखी हैं। योगेश राज की गिरफ्तारी हुई या योगेश राज ने स्वयं ही पुलिस के सामने समर्पण किया इसकी असली थ्योरी तो पुलिस और योगेश राज को ही मालूम है, मगर इतना निश्चित माना जा रहा है कि यदि स्याना क्षेत्र में पुलिस की पशुओं के अवैध कटान को शह नहीं होती तो वहां ऐसी घटना कदापि न होती। यहां पुलिस इंस्पेक्टर का मारा जाना जितना दुखद माना जा रहा है, उतना ही पुलिस इंस्पेक्टर का सुमित पर गोली चलाना भी रोष का विषय बना हुआ है, भले ही पुलिस प्रशासन ने सुबोध कुमार सिंह को शहीद माना है।