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Thursday 10 January 2019 05:55:07 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग तथा नागरिक विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने आज दिल्ली में व्यापार विकास और संवर्धन परिषद की चौथी बैठक को संबोधित करते हुए कहा है कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सेवाओं जैविक कृषि उत्पादों आदि के निर्यात को बढ़ावा देकर वैश्विक मूल्य और आपूर्ति श्रृंखला का लाभ उठाना चाहिए, उन्हें भारत सरकार की सभी योजनाओं व कार्यक्रमों का उपयोग करना चाहिए, इससे देश की जीडीपी में वृद्धि होगी और रोज़गार के अवसरों का सृजन होगा। सुरेश प्रभु ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आग्रह किया कि उन्हें निर्यात रणनीति तैयार करनी चाहिए, जो राज्य विशेष और उत्पाद विशेष पर आधारित हो। उन्होंने कहा कि राज्यों को लॉजिस्टिक और आधारभूत संरचना को बेहतर बनाना चाहिए।
वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत सरकार ने पहलीबार कृषि निर्यात नीति तैयार की है और भारत के कृषि निर्यात का लक्ष्य 2022 तक 60 बिलियन डॉलर निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि इससे भारतीय किसान और भारत के उच्च गुणवत्ता वाले कृषि उत्पाद वैश्विक मूल्य श्रृंखला से जुड़ जाएंगे और विश्व कृषि निर्यात में भारत का हिस्सा दोगुना हो जाएगा। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय विश्व बैंक के सहयोग से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में वार्षिक सुधार कार्यक्रम का आयोजन करता है, जिसको अब राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सहयोग से जिलास्तर पर आयोजित किया जाएगा। सुरेश प्रभु ने कहा कि केंद्र सरकार प्रत्येक जिले के लिए एक विकास योजना तैयार कर रही है, जो 2025 तक भारत की जीडीपी को 5 ट्रिलियन डॉलर ले जाने में बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
सुरेश प्रभु ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आग्रह किया है कि वे 12 चैंपियन सेवा क्षेत्र के लिए आवंटित पांच हजार करोड़ की धनराशि का उपयोग करें, इससे सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवाओं, पर्यटन, चिकित्सा के लिए यात्रा, परिवहन, अंकेक्षण और वित्तीय सेवाओं, ऑडियो-वीडियों सेवाओं, कानूनी सेवाओं, संचार सेवाओं, शिक्षा सेवाओं, पर्यावरण सेवाओं, विनिर्माण सेवाओं जैसे क्षेत्रों में रोज़गार के अवसरों का सृजन होगा। उन्होंने कहा कि चमड़ा और फुटवेयर उद्योग के विकास के लिए 2600 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की गई है। वाणिज्य राज्यमंत्री सीआर चौधरी ने कहा कि निर्यात प्रतिस्पर्धा को बेहतर बनाने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्यात योजनाओं के लिए व्यापार आधारभूत संरचना का अधिकतम लाभ उठाना चाहिए।
व्यापार विकास और संवर्धन परिषद राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को अपनी आवश्यकताओं और उम्मीदों को व्यक्त करने का मंच प्रदान करता है। अरूणाचल प्रदेश, असम, कर्नाटक, ओडिशा, तमिलनाडु, पंजाब, नागालैंड, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मंत्रियों ने भी बैठक को संबोधित किया। बैठक में वाणिज्य सचिव डॉ अनूप बाधवा, औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग के सचिव रमेश अभिषेक, वाणिज्य विभाग में लॉजिस्टिक के विशेष सचिव एन शिवाशेलम, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव डॉ अनूप कुमार पांडा, विभिन्न मंत्रालयों व विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, एसोचेम, फिक्की, सीआईआई व एफआईईओ के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।