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राष्‍ट्रपति ने किया अटलजी के चित्र का अनावरण

अ‍टलजी के जैसा व्‍यक्तित्‍व लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत-मोदी

संसद भवन में अटलजी का स्मरण अर्पित की गई आदरांजलि

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 12 February 2019 03:56:17 PM

narendra modi addressing at the unveiling ceremony of portrait of the atal bihari vajpayee

नई दिल्ली। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र का अनावरण किया, जिसमें उपराष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्षसुमित्रा महाजन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संसदीय मामलों के मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, अटलजी के परिवारजन और गणमान्य नागरिकों ने अटलजी को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटलजी को स्मरण करते हुए कहा है कि संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में अटलजी अब इस नए रूपमें हमें आशीर्वाद और प्रेरणा देते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन की बड़ी विश्‍वता के रूपमें बहुत चीजें कही जा सकती हैं, ऐसे व्यक्तित्व बहुत कम होते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इतने साल संसद में ज़िंदगी गुजारने के बाद भी दशकों तक सत्ता से दूर रहते हुए जनसामान्‍य की पवित्रता और निष्‍ठा से सेवा करते रहना, सामान्‍य मानव की आवाज़ को बुलंद करते रहना और व्‍यक्तिगत जीवन के हित के लिए न कभी रास्‍ता बदलना, यह अपने आपमें सार्वजनिक जीवन में हम जैसे कार्यकर्ताओं में बहुत कुछ सीखने जैसा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीति में उतार-चढ़ाव आए हैं, जय-पराजय आए हैं, लेकिन आदर्श और विचारों से कभी समझौता न करते हुए लक्ष्‍य की ओर चलते रहना और कभी न कभी उसका सही परिणाम मिलता है, यह हमने अ‍टलजी के जीवन में देखा है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि अ‍टलजी के भाषण की बड़ी चर्चा होती है, लेकिन शायद भविष्‍य में कोई मनोवैज्ञानिक दृष्टि से अनुसंधान और विश्लेषण करेंगे तो जितनी ताकत उनके भाषण में थी, शायद उससे कई गुना ताकत उनके मौन में थी, वो जनसभा में भी दो-चार बात बोलने के बाद जब मौन हो जाते थे तो यह बड़ा गजब था कि लाखों की जनमेदी के आखिरी व्‍यक्ति को भी उस मौन में से संदेश मिल जाता था।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि अ‍टलजी का संचार कौशल शायद इस युग में मौन का संचार कौशल यानी कब बोलना और कब मौन रहना, उनमें वो ताकत अद्भुत थी, उस प्रकार से वो अपनी मस्‍ती में रहते थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अ‍टलजी के साथ कभी ट्रेवल करने का मौका मिला तो देखते थे कि वो आंखे बंद करके ही रहते थे, ज्‍यादा बात नहीं करते थे, यह उनके स्‍वभाव में था। उन्होंने कहा कि कितना ही हमारी पार्टी मीटिंग में कभी माहौल गरमाया भी हो तो ऐसे ही छोटी सी बात रख देते थे, एकदम से हल्‍का-फुल्‍का वातावरण कर देते थे, यानी अ‍टलजी ने एक से प्रकार परिस्थितियों को साध लिया था, अपने भीतर समाहित कर लिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसा व्‍यक्तित्‍व लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है और लोकतंत्र में कोई दुश्‍मन नहीं होता है, लोकतंत्र में स्‍पर्धा होती है, प्रतिपक्ष होता है। उन्होंने कहा कि आदर और सम्‍मान उसी भाव के साथ बनाए रखना यह हमारी नई पीढ़ी के लिए सबकुछ सीखने जैसा है, कि हम किस प्रकार से प्रतिस्‍पर्धी और कठोरतम आलोचना को भी आदर के साथ, सम्‍मान के साथ उस व्‍यक्तित्‍व की तरफ देखते रहें, यह अटलजी से सीखने वाला विषय है। उन्होंने कहा कि आज अटलजी को आदरांजलि अर्पित करने का यह अवसर है और मैं मेरी तरफ एवं सदन के मेरे सभी साथियों की तरफ से अटलजी को आदरांजलि देता हूं।

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