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Saturday 23 February 2019 06:32:44 PM
लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने आरटीआई भवन में फिक्की लेडीज आर्गनाइजेशन लखनऊ-कानपुर चैप्टर के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा है कि फिक्की-लेडीज आर्गनाईजेशन का महिलाओं के लिए कानूनी सहायता प्रकोष्ठ का प्रारम्भ करना एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा जनतंत्र है और भारतीय संविधान ने महिला एवं पुरुष को समान अधिकार दिए हैं, पर व्यावहारिक तौरपर बराबरी नहीं है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के अनुसार जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवता वास करते हैं, इस मान्यता को घोषणा तक सीमित न रखकर व्यवहार में लाने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारों ने महिलाओं को अनेक सुविधाएं प्रदान की हैं, उन्हें प्रोत्साहन और आगे बढ़ाने के अवसरों के हर स्तरपर प्रयास होने चाहिएं।
राज्यपाल राम नाईक ने बताया कि उन्हें अपने सामाजिक और राजनैतिक जीवन में महिलाओं के लिए कुछ करने का अवसर मिला, रेल राज्यमंत्री रहते हुए उन्होंने कामकाजी महिलाओं के लिए तीन महिला स्पेशल गाड़ियों की शुरुआत की, मच्छीमार महिलाओं को मछली लेकर जाते समय बैठने के लिए अलग से व्यवस्था की, पेट्रोलियम मंत्री रहते हुए धुंआमुक्त रसोई उपलब्ध कराने की दृष्टि से एलपीजी कनेक्शन की प्रतीक्षा सूची समाप्त कराई, स्तनपान प्रोत्साहन के लिए प्राईवेट मेम्बर बिल लाकर उसे कानूनीरूप दिलाया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के दीक्षांत समारोह में कुल 12,78,985 विद्यार्थिंयों को विभिन्न पाठ्यक्रमों की उपाधियां वितरित की गईं, जिनमें से 7,14,764 अर्थात 56 प्रतिशत उपाधियां छात्राओं ने प्राप्त कीं। उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 66 प्रतिशत पदक छात्राओं को मिले हैं। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा, उचित वातावरण और प्रोत्साहन मिलता है तो बेटियां स्वयं को सिद्धकर सकती हैं। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में बेटियों को सशक्त बनाने की आवश्यकता है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति श्रीदेवी भी इस अवसर पर उपस्थित थीं। उन्होंने कहा कि महिलाओं में कानूनी जागरुकता फैलाने के लिए लीगल सर्विसेज इंस्टीट्यूशन को माध्यम बनाने की आवश्यकता है, महिलाओं के छोटे-छोटे समूह बनाकर उन्हें ट्रेनिंग दें, जिससे कि वे स्वयं कुशल हों और औरों को भी कौशलता प्रदान करने में सक्षम हो सकें। उन्होंने महिलाओं में शिक्षा और आर्थिक सुधार हेतु जागरुकता लाने के लिए सहयोग का आश्वासन भी दिया। मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी ने कहा कि फिक्की एफएलओ द्वारा एडवोकेसी सेल की स्थापना प्रसन्नता का विषय है। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं की 50 प्रतिशत भागीदारी है, उनकी आर्थिक और सामाजिक गैरबराबरी एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि कानूनी सहायता प्रकोष्ठ की सहायता से जहां जरूरतमंद महिलाओं को कानूनी सहायता मिलेगी, वहीं दूसरी ओर समाज में एक अच्छा संदेश भी जाएगा। कार्यक्रम में संस्था की अध्यक्ष रेनुका टंडन ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए उन्हें ग्रीन सर्टिफिकेट और स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन असमा हुसैन ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष माधुरी हलवासिया ने दिया। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता रीना जार्ज, चैप्टर की उपाध्यक्ष माधुरी हलवासिया, ज्योत्सना हबीबुल्लाह और अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।