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Tuesday 19 March 2013 08:41:09 AM
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बेनी प्रसाद वर्मा को कांग्रेस में बिना जनाधार के इस्पात मंत्री बताया है और कहा है कि उन्होंने अपने पद की मर्यादा को धूल में मिलाते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव पर आतंकवादियों से संबंध होने का झूंठा आरोप मढ़ा है। यह आरोप उन पर सिर्फ इसलिए लगाया जाता है कि वे मुसलमानों के साथ इंसाफ किए जाने की बात करते हैं। उन्होंने सरकार गंवाने का खतरा उठाकर भी बाबरी मस्जिद टूटने से बचाई थी, दिल्ली में नूरपुर की मस्जिद को ध्वस्त किए जाने से रोका था, मुस्लिमों के मदरसों और कब्रिस्तानों को बचाया है। उन्होंने साफ कहा है कि वे मुस्लिमों के हितों की रक्षा के सामने सरकार की भी परवाह करने वाले नहीं हैं। सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयोग की सिफारिशें लागू कराने की लड़ाई वही लड़ रहे हैं।
मुलायम सिंह यादव मुसलमानों के प्रति हमेशा ही संवेदनशील रहे हैं। सच तो यह है कि बेनी बाबू आरएसएस की शाखा की उपज हैं, जो अपने मुस्लिम विरोधी चरित्र के लिए बदनाम संगठन है। उसके संस्कार जल्दी जाने वाले नहीं हैं। मुलायम सिंह यादव की खिलाफत करके वे भाजपा-आरएसएस का खेल, खेल रहे हैं। शायद अगले चुनाव में उन्हें इनकी मदद की दरकार हो। बेनी प्रसाद वर्मा ने इस्पात मंत्रालय को अपने भ्रष्टाचार का अड्डा बना लिया है, सरकारी कोष की लूट मचाने में वे आगे हैं, उनके भ्रष्टाचार की जांच होनी चाहिए। मुलायम सिंह यादव पर अनर्गल आरोप लगाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उनसे जवाब तलब करना चाहिए और एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय नेता की छवि खराब करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा ले लेना चाहिए।
राजेंद्र चौधरी ने कहा कि समाजवादी सरकार के विरूद्ध कांग्रेस, भाजपा और बसपा नेतृत्व इन दिनों एक सुर में बोल रहा है। तीनों को उत्तर प्रदेश की जनता ने नकार कर समाजवादी पार्टी के युवा एवं ऊर्जावान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार बनाई है। लोकसभा चुनाव में भी इन दलों का सूपड़ा साफ होने के आसार हैं, इससे बौखलाकर समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार पर उतर आए हैं। यूपी में चुनावों में कांग्रेस के साथ नंबर 3-4 की प्रतियोगिता कर रही भाजपा को भी समाजवादी पार्टी की सरकार अच्छी नहीं लग रही है, भाजपा के नेता भी उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। इन आरोपों में कोई तथ्य नहीं है, जनता इन पर हंसती है।
सपा प्रवक्ता ने दावा किया कि मुलायम सिंह यादव का 50 वर्ष से अधिक का राजनीतिक जीवन कोरे कागज की तरह जनता के सामने है, लोकतंत्र, समाजवाद और धर्म निरपेक्षता के वे पूरे देश में प्रतीक पुरूष बन गए हैं। अखिलेश यादव ने प्रदेश के अवरूद्ध विकास को जैसी गति दी है और नए माहौल का सृजन किया है, उससे करोड़ों प्रदेश वासियों की जिंदगी में बदलाव का विश्वास बढ़ा है, इन पर ओछी टिप्पणियां करने वाले को जनता माफ नहीं करेगी। बसपा का तो लोकतंत्र, संविधान और लोकलाज तीनों से ही कोई मतलब नहीं है, प्रदेश की जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया है, समाजवादी पार्टी बहुमत पाकर सत्ता में आई है। उन्होंने कहा कि बौखलाकर बसपा की नेता भी सरकार के गठन के दिन से ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ झूंठी बयानबाजी करने लगी हैं और खुद तानाशाही, लूट और आतंक के जरिए पांच साल प्रदेश को बदहाल, बदनाम करने के बाद उन्हें समाजवादी पार्टी का विकास एजेंडा फूटी आंखों नहीं सुहा रहा है, बिना संविधान पढ़े वे प्रदेश में राष्ट्रपति राज की मांग करती हैं, अपने समय के भ्रष्ट तंत्र की अनदेखी कर वे अखिलेश यादव को सौ में जीरो अंक देकर साबित कर रही हैं कि उन्हें परीक्षा में अंक देना ही नहीं आता है, जबकि वे कभी नगर निगम के प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका रह चुकी हैं।