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Monday 15 April 2019 04:35:58 PM
लखनऊ। भारतरत्न डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर की 128वीं जयंती पर आंबेडकर महासभा के कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक ने देशवासियों की ओर से बाबासाहब को श्रद्धासुमन अर्पित किए। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि देश को स्वतंत्र कराने और स्वतंत्रता के बाद संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए बाबासाहब का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित है, उन्होंने न केवल देश को संविधान के रूपमें सम्प्रभुता की शक्ति प्रदान की, बल्कि सामाजिक न्याय की दृष्टि भी दी। राज्यपाल ने कहा कि बाबासाहब ने सामाजिक अन्याय और भेदभाव दूर करने के लिए जीवनभर संघर्ष किया, वास्तव में वे भारत देश के लिए सम्मान के प्रतीक हैं। राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के तौरपर मैंने यहां पर बाबासाहब के अस्थिकलश के बाजू में डॉ आंबेडकर की स्वःहस्ताक्षरित भारतीय संविधान की मूल ग्रंथ की प्रति रखवाई है, जिससे सभी को भारतीय संविधान का अवलोकन करने का अवसर मिले और बाबासाहब डॉ आंबेडकर का नाम सही कराया है। उन्होंने कहा कि जब मेरे संज्ञान में आया तो मैंने बाबासाहब के सही नाम डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर लिखने के संबंध में पहल की, लिखा-पढ़ी में तो इसे सुधारा जाना आवश्यक था ही, परंतु जनमानस में प्रचलित गलत नाम विस्मरण होकर सही नाम का प्रयोग हो, इसके लिए जनजागृति लाने की भी आवश्यकता थी।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि बाबासाहब डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर का जीवन कठिन संघर्षों और उपलब्धियों की गाथा है, वे महान मानवीय गुणों से युक्त एक असाधारण व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान की रूपरेखा तैयार करने के लिए उन्हें भारतीय संविधान के शिल्पी के रूपमें सदैव स्मरण किया जाता रहेगा। राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संविधान में 18 वर्ष से ऊपर की आयु के सभी भारतीय नागरिकों को मतदान का अधिकार दिया गया है और मतदाता ही जनतंत्र के निर्माता होते हैं। उन्होंने कहा कि देश में लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण का मतदान सम्पन्न हो गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश में प्रथम चरण के मतदान में 63.69 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 65.76 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो गत समय से 2.07 प्रतिशत कम है। उन्होंने कहा कि बाबासाहब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि संविधान में मतदान का जो अधिकार मिला है, उसे दायित्व समझकर अवश्य निभाएं। राज्यपाल ने यह भी घोषणा की कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, मतदान केंद्र से सर्वाधिक मत प्रतिशत से जुडे़ लोगों का राजभवन में सत्कार किया जाएगा। राम नाईक ने कहा कि बाबासाहब ने शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊर्जा लाई। वे छह भारतीय तथा चार विदेशी भाषाओं के ज्ञाता थे। उन्होंने कहा कि बाबासाहब के ज्ञान की पूंजी का हम देश के विकास के लिए उपयोग करें।
बाबासाहब के प्रत्येक भाषण में उनकी असामान्य विद्वत्ता एवं दूरदर्शिता का परिचय मिलता है। उन्होंने कई शिक्षण संस्थानों की स्थापना की। बाबासाहब का मानना था कि शिक्षा बिना समाज का पूर्ण विकास नहीं हो सकता। सामाजिक आंदोलन में व्यस्त होने के बावजूद बाबासाहब का ज्ञान-प्रवाह और लेखन अद्भुत था, उनकी पुस्तकें, निबंध और लेखों का संग्रह प्रेरणा देने वाला है। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त निगम एवं भारत भारत रत्न बोधिसत्व बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर महासभा के अध्यक्ष डॉ लालजी प्रसाद निर्मल, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के अध्यक्ष भंते शांति रक्षित, उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल, महासभा के कोषाध्यक्ष डॉ सत्यवती दोहरे और महासभा के महामंत्री अमरनाथ प्रजापति ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान करने वालों को आंबेडकर रत्न तथा आंबेडकर सम्मान से अलंकृत किया गया।