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नई दिल्ली। भारत और जर्मनी ने अक्षय ऊर्जा, सौर ऊर्जा और स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर विचार किया है। कुछ देश अपने परमाणु ऊर्जा कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे हैं। खबरों से पता चलता है कि जर्मनी और स्विट्जरलैंड की सरकारों ने क्रमश: 2022 और 2034 तक परमाणु ऊर्जा का परित्याग करने की योजना बनाई है। इटली ने परमाणु ऊर्जा को पुन: काम में न लाने का निर्णय लिया है। ये देश ऊर्जा स़ृजन में विकास की मांग को अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों से पूरा कर सकते हैं। उनके परमाणु ऊर्जा के दोहन को बंद करने का यही कारण प्रतीत होता है।
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी नारायणसामी ने लोकसभा में कहा कि भारत की ऊर्जा संबंधी विशाल और बढ्ती हुई जरूरतों को ध्यान में रखते हुए परमाणु ऊर्जा, स्वच्छ ऊर्जा का महत्वपूर्ण विकल्प है और लोगों की आजीविका और सुरक्षा को देखते हुए इसका प्रयोग बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि ऊर्जा के मात्र एक स्त्रोत से भारत की ऊर्जा संबंधी आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जा सकता।