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नई दिल्ली। गृह राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा है कि भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत पुलिस और लोक व्यवस्था राज्य के विषय हैं, इसलिए साइबर अपराध सहित अपराधों को रोकने, उनका पता लगाने, उन्हें दर्ज करने और उनकी जांच-पड़ताल करने और अपनी विधि प्रवर्तन एजेंसियों की मशीनरी के माध्यम से अपराधियों पर अभियोजन चलाने की जिम्मेदारी बुनियादी रूप से राज्य सरकारों की है। विभिन्न राज्य सरकारों ने साइबर अपराध-प्रकोष्ठ स्थापित किए हैं। केंद्रीय अंवेषण ब्यूरो (सीबीआई) में एक विशेष यूनिट है, जो संघ राज्य क्षेत्रों के क्षेत्राधिकार में आने वाले साइबर अपराध संबंधी मामलों से निपटती है। सीबीआई की स्थापित साइबर अपराध जांच प्रकोष्ठ (सीसीआईसी) साइबर अपराधों की जांच करता है और साइबर अपराध एवं साइबर धोखाधड़ी से निपटने वाले कानूनों के कार्यान्वयन में संबंधित पुलिस संगठनों की मदद करता है। केंद्र सरकार, सीबीआई अकादमी, गाजियाबाद, सरदार बल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एसवीपीएनपीए), हैदराबाद, राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी), नई दिल्ली, एनईपीए बारापानी, (एलएनजेएनएनआईसीएफएस), नई दिल्ली, सीडीटीएस, चंडीगढ़ और हैदराबाद और जीईक्यूडी, हैदराबाद जैसे विभिन्न प्रशिक्षण-संस्थानों में साइबर अपराध की जांच-पड़ताल के संबंध में राज्य सरकारों के कार्मिकों को नियमित रूप से प्रशिक्षण प्रदान करके उनके प्रयासों में सहायता करती है।