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साहित्‍यकार इंदिरा गोस्‍वामी का निधन

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साहित्‍यकार इंदिरा गोस्‍वामी/litterateur indira goswami

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मशहूर लेखिका इंदिरा गोस्‍वामी के निधन पर शोक व्‍यक्‍त किया है। उनके भाई सत्‍यब्रत गोस्‍वामी को भेजे अपने शोक संदेश में प्रधानमंत्री ने इंदिरा गोस्‍वामी को असमी साहित्‍यजगत के प्रभावशाली लेखकों और टिप्‍पणीकारों में से एक बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘इंदिरा गोस्‍वामी के निधन की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख पहुंचा है, मामोनी के नाम से मशहूर गोस्‍वामी निस्‍संदेह समकालीन असमी साहित्‍य के प्रभावशाली लेखकों और टिप्‍पणीकारों में से एक थीं। साहित्‍य में उनके किए काम ने ज्ञानपीठ समेत कई पुरस्‍कार प्राप्‍त किए। उनकी लोकप्रिय कृति नीलकंठी ब्रोजा और द मोठ इटेन हौदा ऑफ अ टस्‍कर को सर्वत्र प्रशंसा हासिल हुई। इंदिरा गोस्‍वामी ने दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय में आधुनिक भारतीय भाषा के प्रोफेसर के तौर पर विशिष्‍ट काम किया। असम में शांति लाने के लिए उन्‍होंने बतौर वार्ताकार महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। देश में उनके साहित्‍य और सामाजिक कार्यों के प्रशंसक उनके निधन पर शोक मग्न हैं।
केंद्रीय कॉर्पोरेट मामले मंत्री डॉ एम वीरप्पा मोइली ने भी प्रोफेसर इंदिरा गोस्वामी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। मोइली ने कहा कि इंदिरा गोस्वामी समकालीन भारतीय साहित्य के सर्वाधिक प्रतिष्ठित लेखकों में से एक थीं, उनके निधन से साहित्य जगत ने एक महान कल्पनाशील लेखिका को खो दिया है। मोइली ने कहा कि उनका निधन न सिर्फ साहित्य जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है बल्कि व्यक्तिगत रूप से उनके लिए भी कष्टकर है।

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