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लोकसभा, राज्यसभा में सवाल-जवाब

चीन सीमा और एलओसी पर हुई घटनाएं

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नई दिल्ली। लद्दाख में न्‍योमा सेक्‍टर के नजदीक काकाजुंग क्षेत्र में घास चराने वाले भारतीय खानाबदोशों को दिसंबर 2008 में चीनी गश्‍ती दल ने परेशान किया था। इस घटना का कड़ा विरोध, चीनी सेना के समक्ष दर्ज किया गया था और तब से चीनी गश्‍ती दल वहां नहीं पहुंचे। वहां भारतीय खानाबदोशों को कोई परेशानी नहीं है। वास्‍तविक नियंत्रण रेखा से लगते भूक्षेत्र पर भारतीय सेना पैट्रोलिंग और अन्‍य तरीकों के जरिए लगातार निगरानी रख रही है। इस साल 25 अगस्‍त को और पिछले महीने चीन के भारतीय वायुक्षेत्र पर अतिक्रमण करने की कोई पुष्‍ट जानकारी नहीं है। केंद्रीय रक्षा मंत्री एके एंटनी ने राज्‍यसभा में संजय राउत, विजय दर्डा और रामदास अग्रवाल के सवालों के दिए अलग-अलग जवाब में बताया कि भारत और चीन के बीच कोई सामान्‍य निरूपित वास्‍तविक नियंत्रण रेखा नहीं है। कुछ ऐसे क्षेत्रों के बारे में भारत और चीन की इस रेखा के बारे में अलग-अलग धारणाएं हैं। दोनों क्षेत्र अपनी धारणाओं के अनुसार पैट्रोलिंग करते हैं।

  • आरटीआई के तहत रद्द आवेदन

कार्मि‍क, लोक शि‍कायत और पेंशन तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्‍यमंत्री वी नारायण सामी ने लोकसभा में बताया है कि‍सूचना का अधि‍कार कानून की धारा-8 और 9 के तहत लागू नि‍यमों के अंतर्गत सूचना देने के प्रस्‍ताव को ठुकराया जा सकता है। इसके अति‍रि‍क्‍त तीसरे पक्ष के संबंध में सूचना सि‍र्फ संबंधि‍त पक्ष को नोटि‍स जारी करने के बाद ही दी सकती है। इस संबंध में तीसरा पक्ष ऐसी सूचना देने के प्रस्‍ताव पर वि‍रोध जता सकता है। केंद्रीय सूचना आयुक्‍त ने सूचना के अधि‍कार कानून के तहत पर्याप्‍त जानकारी न देने या वि‍लंब से देने के कारण वर्ष 2008-09 में 48 अधि‍कारि‍यों, 2009-10 में 154 अधि‍कारि‍यों और 2010-11 में 273 अधि‍कारि‍यों के वि‍रूद्ध दंडनीय कार्रवाई की है। इस वर्ष 26 नवंबर, 2011 तक 148 अधि‍कारि‍यों के वि‍रूद्ध कार्रवाई की गयी है। सूचना का अधि‍कार कानून 2005 में संशोधन का कोई भी प्रस्‍ताव सरकार के पास वि‍चार के लि‍ए नहीं है।

  • अल्‍पसंख्‍यकों के 90 जिले चयनित

अल्‍पसंख्‍यकों के कल्‍याण के लिए चलाये जा रहे बहुआयामी विकास कार्यक्रम के तहत 90 अल्‍पसंख्‍यक बहुल जिलों को शामिल किया गया है। बहुआयामी विकास कार्यक्रमों को लागू करने के लिए अल्‍पसंख्‍यक बहुल जिलों का चुनाव उनके पिछड़ेपन के तय पैमानों और उनकी जनसंख्‍या के घनत्‍व के आधार पर किया गया है। इस आधार पर बहुआयामी विकास कार्यक्रमों के लिए राजस्‍थान के किसी भी जिले का चुनाव नहीं हो सका है। बहुआयामी विकास कार्यक्रम के तहत ग्‍यारहवीं पंचवर्षीय योजना के लिए एकमुश्‍त राशि आवंटित कर दी गई है।

  • न्यूट्रीनो अनुसंधान केंद्र

भारत में न्यूट्रीनों अनुसंधान केंद्र की आईएनओ परियोजना तमिलनाडु के थेनी जिले में बोडी पश्चिम पहाड़ी पर स्थापित करने का प्रस्ताव है। राज्य सरकार ने इस भूमिगत प्रयोगशाला के लिये भूमि उपलब्ध करा दी है और जमीन को कब्जे में लेने की प्रक्रिया जारी है। चूंकि आईएनओ बेसिक साइंस प्रयोगशाला है, इसलिए इसमें पर्यावरण का कोई मुद्दा नहीं है। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी नारायण सामी ने लोक सभा में केपी धनपालन के प्रश्न के उत्तर में दी।

  • भोपाल स्‍मारक अस्‍पताल

परमाणु ऊर्जा आयोग एवं जैव तकनीकी विभागों ने भोपाल स्‍मारक अस्‍पताल एवं शोध केंद्र को अस्‍थाई तौर पर पिछले वर्ष अगस्त में अधिगृहीत कर लिया। ये मामला अस्‍पताल के स्‍वायत्‍तशासी प्रशासनिक ढाँचे के अभाव में अधर में था।

  • सशस्‍त्र बलों का स्‍वास्‍थ्‍य सर्वेक्षण

इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अगस्‍त 2011 के अंक में प्रकाशित सर्वेक्षण ‘युवा सैनिकों के बीच बढ़ता प्री-हायपरटेंशन और उससे अधिक वज़न तथा डिसलीपिडेमिया की शिकायत’ को सशस्‍त्र बल चिकित्‍सा सेवा के दो डॉक्‍टरों तथा राष्‍ट्रीय पोषण संस्‍थान, हैदराबाद के एक वैज्ञानिक ने किया था। इस अध्‍ययन में नौसेना कार्मिकों की सीमित संख्‍या को शामिल किया गया था। इस छोटी संख्‍या पर आधारित परिणाम पूरे सशस्‍त्र बलों पर लागू नहीं होते। अध्‍ययन में भी यह स्‍पष्‍ट तरीके से बताया गया है। भारतीय सशस्‍त्र बलों का खान-पान रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन तथा राष्‍ट्रीय पोषण संस्‍थान के संपर्क के साथ विशेषज्ञों की देख-रेख में किया जाता है। यह जानकारी रक्षा मंत्री एके एंटनी ने राज्‍यसभा में दी।

  • नाटो मिसाइल रक्षा कार्यक्रम

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने अपने मिसाइल रक्षा कार्यक्रम के लिए भारत को आमंत्रित नहीं किया है। उधर अमरीका ने भी विश्व के अब तक के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान एफ-35 की निर्माण परियोजना में भारत को सहयोग का कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है।
यह जानकारी इलावरासन और कलराज मि्श्रा के अलग-अलग लिखित प्रश्नों के उत्तर में राज्य सभा में दी गई।

  • दूसरी श्रेणी के महानगरों का विकास

जनगणना 2011 के आधार पर देश के महानगरों को प्रथम या दूसरी श्रेणी में नहीं बांटा गया है। हालांकि 2010-11 के दौरान 10 से 40 लाख की आबादी वाले महानगरों की जनसंख्‍या की वृद्धि दर 40 लाख से ज्‍यादा आबादी वाले महानगरों की तुलना में ज्‍यादा थी। भारत सरकार ने 2005-06 में देश के महानगरों समेत सभी शहरों के विकास और बुनियादी सुविधाओं में सुधार हेतु जवाहरलाल नेहरू राष्‍ट्रीय शहरी पुनर्नवीकरण मिशन की शुरुआत की थी। केंद्रीय शहरी विकास राज्‍यमंत्री सौगत राय ने राज्‍यसभा में यह जानकारी दी है।

  • रक्षा भूमि बिक्री के लिए एनओसी

सरकार की जानकारी के मुताबिक श्रीनगर को छोड़कर देश में रक्षा भूमि के लिए एनओसी जारी करने का कोई भी मुद्दा पिछले चार सालों के दौरान सामने नहीं आया है। इस मामले में प्राथमिक जांच के आधार पर यह पाया गया था कि प्रथम दृष्ट्या मामले में कुछ अनियमितताएं हो सकती हैं। मामले की गहराई से जांच और जवाबदेही तय करने के लिए सरकार ने जांच सीबीआई को सौंपी थी। यह जानकारी राज्य सभा में एके एंटनी ने प्रभात झा एवं कुसुम राय को दी है।

  •  देश में उर्वरकों का उत्‍पादन

अक्‍टूबर 2011 में देश में यूरिया का अनुमानित उत्‍पादन 19.01 लाख टन रहा, जबकि लक्ष्य महज 17.42 लाख टन का था। इस तरह लक्ष्‍य से 1.59 लाख टन ज्‍यादा यूरिया इस महीने उत्‍पादित हुआ। इस महीने डीएपी का अनुमानित उत्‍पादन 2.72 लाख टन रहा, जबकि लक्ष्‍य इससे 1.52 लाख टन अधिक 4.24 लाख टन का था। अक्‍टूबर 2011 में देश के विभिन्‍न राज्‍यों में करीब 20.69 लाख टन यूरिया भेजे गए। इस महीने देश में यूरिया की उपलब्‍धता 24.92 लाख टन रही। मौजूदा सत्र में 31 अक्‍टूबर, 2011 तक देश में यूरिया की बिक्री पिछले साल की समान अवधि से 8.12 प्रतिशत ज्‍यादा करीब 161.96 लाख टन रही। पिछले साल इस अवधि तक 149.79 लाख टन यूरिया बेची गई थी।

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