स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
नई दिल्ली। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह इस वर्ष एलिज़ाबेथ टेलर को श्रद्धांजलि दे रहा है। एलिज़ाबेथ टेलर हॉलीबुड की दिग्गज कलाकार थीं और उन्होंने अपने अभिनय से पूरी दुनिया के दर्शकों को आकर्षित किया। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में डेनियल मेन निर्देशित ‘बटरफील्ड 8’ दिखाई जा रही है। यह फिल्म एक मॉडल की ज़िंदगी की कहानी है जो उसके जीवन में हुए विभिन्न भावनात्मक हलचल को दर्शाती है। एलिज़ाबेथ टेलर ने इस फिल्म में बहुत ही खूबसूरत प्रदर्शन किया था, जिसके लिए उन्हें उनका पहला सवर्श्रेष्ठ अभिनेत्री का अकादमी पुरस्कार दिया गया।
एलिज़ाबेथ टेलर को दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अकादमी पुरस्कार दिया जा चुका है। यह पुरस्कार उन्हें ‘बटरफील्ड 8’ (1960) और ‘हू इज़ अफ्रेड ऑफ वर्जिनिया वूल्फ?’ (1966) में उनके अविस्मरणीय अभिनय के लिए दिया गया। वह उन हस्तियों में शुमार हैं जिन्हें एचआईवी-एड्स के लिए कार्य करने का भी श्रेय दिया जाता है। अमेरीकी फिल्म संस्थान ने टेलर को लाइफ अचीवमेंट अवार्ड भी दिया। इस संस्थान ने उन्हें ‘महानतम अमेरीकी स्क्रीन दिग्गजों’ की सूची में सातवें स्थान पर रखा था। एलिज़ाबेथ टेलर का निधन मार्च 2011 में 79 साल की उम्र में हुआ, उन्हें उनके उत्कृष्ट अभिनय के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
माधव रामदास की चुनौतीपूर्ण फिल्म
मलयालम फिल्म ‘मेलविलसम’ के निर्देशक माधव रामदास ने कहा है कि महिला कलाकारों और गीतों के बगैर फिल्म बनाना एक चुनौती था। मीडिया सेंटर में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि एक करोड़ की कम बजट वाली फिल्म को 10 दिन में शूट किया गया। इस अवसर पर फिल्म के पटकथा लेखक सूर्य कृष्णामूर्ति ने कहा कि इस फिल्म को हिंदी में भी बनाया जा रहा है। यह फिल्म लगभग दो घंटे की है और इसे चार दीवारों के भीतर ही पूरा किया गया है।
इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे परथीपरन ने कहा कि हालांकि उनकी पहचान तमिल फिल्मों से है, लेकिन इस फिल्म की मज़बूत पटकथा की वजह से उन्होंने इस पर काम करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि जल्दी ही इसका तमिल संस्करण भी जारी होगा।
यह फिल्म ‘मेलविलसम’ के नाटक पर आधारित है। इस फिल्म की कहानी सैन्य अदालत में कोर्ट मार्शल की कार्यवाही को दर्शाती है।
अलिंदे के निर्देशक कृष्णा किशोर मुखोपाध्याय ने कहा है कि लघु फिल्म निर्माताओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लघु कथाओं की तरह लघु फिल्में भी बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। उनकी मोध्योबार्ती फिल्म एक निजी शिक्षक, किशोर और एक रिक्शावाले, बुद्धा के बीच संबंधों की कहानी है, जो हर रोज़ उसके रिक्शा पर जाता है। बुद्धा को किसी कारण अपनी नौकरी छोड़नी पड़ती है और तब किशोर को अपने और बद्धा के रिश्ते का एहसास होता है ।
‘कंपलसरी हैल-मेट’ एक हास्य फिल्म
निर्माता-निर्देशक मिथुनचंद्र चौधरी ने कहा है कि ‘कंपलसरी हैल-मेट’ एक लघु एवं हास्य फिल्म है, जिसमें जनता पर नियंत्रण करने के लिए अधिकार प्राप्त लोगों के बेसिर पैर के फैसलों पर हास्य की मदद से टिप्पणी की गई है। मीडिया सेंटर में शोलापुर, महाराष्ट्र के युवा फिल्म निर्देशक ने कहा कि इस फिल्म की मुख्य नायिका एक अनपढ़ ग़रीब महिला है, जो अपनी साधारण हाजिरजवाबी से दमनकारी व्यवस्था को अपने वश में कर लेती है। ‘कंपलसरी हैल-मेट’ दस मिनट की लघु फिल्म है। ये फिल्म एक ऐसे गांव के बारे में जहां सरपंच विचारों की चोरी रोकने के लिए हैल-मेट पहनना अनिवार्य कर देता है। एक ग़रीब महिला बिना हैल-मेट के पकड़ी जाती है और उसे परिणाम भुगतने पड़ते हैं। भारतीय महाकाव्य रामायण का जिक्र करके फिल्म में हास्यकर तरीके से संदेश देने की कोशिश की गई है।
एनिमेशन फिल्मों की लोकप्रियता
ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त निर्माता ह्यूग वेल्चमेन ने कहा है कि लोग ज्यादा से जयादा एनिमेशन फिल्में चाहते हैं और यह तेजी से बढ़ रहा है। अपनी फिल्म ‘द फ्लाइंग मशीन’ के बारे में मीडिया सेंटर में पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी फिल्म 3डी स्टीरियोस्कोपिक एक जादुई यात्रा जैसी है। इस यूरोपीय फिल्म के निर्माण में पोलैंड, चीन और भारतीय लोगों ने सहयोग दिया है। ह्यूग वेल्मेन द्वारा निर्मित ‘द फ्लाइंग मशीन’ का निर्देशन मार्टिन क्लैप, डोरोटा कोबिला और जॉफ लिंडसे ने किया है। यह चॉपिन के जन्मदिन की 200 वीं वर्षगांठ पर के रूप में बनाई गई है। ह्यूग वेल्चमेन ब्रिटेन स्थित ब्रेकथ्रू फिल्म के संस्थापक और प्रबंध निर्देशक है। उन्होंने कई पुरस्कृत वृत्तचित्रों और लघु फिल्मों का निर्माण किया है। ह्यूग द्वारा निर्मित ‘पीटर एंड द वुल्फ’ को सर्वोत्तम लघु एनीमेशन फिल्म श्रेणी’ में 2008 का पुरस्कार मिला।