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खेलों में प्रतिबंधित दवाओं की निगरानी

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नई दिल्ली। युवा कार्यक्रम और खेल राज्‍य मंत्री अजय माकन ने लोकसभा में बताया है कि सरकार ने डोपिंग के प्रचलन से संबंधित मुद्दे के सभी पहलुओं की जांच के लिए 7 जुलाई 2011 को न्‍यायमूर्ति मुमुल मुदगल, पंजाब और हरियाणा उच्‍च न्‍यायालय के सेवानिवृत मुख्‍य न्‍यायाधीश को एक सदस्‍यीय समिति के रूप में नियुक्‍त किया है। जांच समिति के विचारार्थ विषय हैं-ए‍थ‍लेटिक विधाओं में बड़े पैमाने पर और कथित डोपिंग की हाल की घटनाओं के तथ्‍यों और परिस्थितियों का निर्धारण। बड़े पैमाने पर ऐसी डोपिंग की घटनाओं के कारणों और इसमें सन्निहित कार्यप्रणाली की जांच करना, जिसमें प्रशिक्षण कैंपों, प्रतियोगिताओं में और उसके इर्द-गिर्द प्रतिबंधित पदार्थों की उपलब्‍धता भी शामिल है।
इसमें शामिल एजेंसियों, यदि कोई है, की भूमिका की जांच करना। डोप परीक्षण के प्रोटोकाल और इसकी सत्‍यनिष्‍ठा और संवर्धन में सुधार के लिए उपचारी उपाय सुझाना, ताकि ऐसी चूक, यदि कोई है, भविष्‍य में फिर से न हो। कोई अन्‍य विषय।
समिति की रिपोर्ट की अभी तक प्रतीक्षा है। नाडा ने खेलों में डोपिंग के खतरे को रोकने के लिए ये सुधारात्‍मक उपाय किए हैं-लंदन ओलंपिक 2012 के लिए विभिन्‍न केंद्रों पर प्रशिक्षण पर रहे शीर्ष संभावितों सहित प्रतियोगिता के दौरान और उसके इतर एथलीटों की जांच की आवृत्ति बढ़ाना। प्रशिक्षण संस्‍थानों में एथलीटों, कोचों और सहायक कर्मियों के कमरों की औचक जांच और नमूनों का औचक संग्रहण। खिलाडि़यों, कोचों और सहायक कर्मियों के बीच डोप विषयों से संबंधित शैक्षिक सामग्रियों का वितरण। एथलीटों और कोचों के साथ सेमिनार, कार्यशालाओं, शैक्षिक सत्रों में वृद्धि। कोचों और सहायक कार्मिकों पर उनके नियोक्‍ताओं के माध्‍यम से बारीकी से नजर रखना और सतर्कता रखना।

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