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बाबा बंदा सिंह बहादुर के स्मारक का लोकार्पण

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मोहाली/देहरादून। एसएएस नगर, छप्परचिरि में मानवता के रक्षक और महान योद्धा बाबा बंदा सिंह बहादुर के स्मारक का उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने लोकार्पण किया और कहा कि यह स्मारक सरहिंद में अन्याय पर न्याय की विजय का प्रतीक है, उन्होंने बाबा बंदा सिंह बहादुर के जीवन से अन्याय के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा लेने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में अन्याय और अत्याचार के विरूद्ध लड़ने के लिए गुरू गोविंद सिंहजी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी, बाबा बंदा सिंह बहादुर खालसा पंथ के महान सेनानी थे। उन्होंने अपनी वीरता और दूरदर्शिता से शक्तिशाली मुगल साम्राज्य से लड़ते हुए अनेक बार विजय प्राप्त कीं और पहले खालसा राज्य की स्थापना की। खंडूड़ी ने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर का खालसा राज्य सही मायनों में लोक राज्य था, उनके शासन में गरीबों और असहाय लोगों को जीवनयापन के लिए भूमि दी गई और भ्रष्ट जागीरदारी व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया। बाबा बंदा सिंह बहादुर ने आजाद राज्य कायम कर सबको आजादी से रहने का अवसर दिया, उनके राज्य में सभी से समान व्यवहार होता था, खालसा राज सही मायनों में धर्मनिरपेक्ष राज था।
भुवन चंद्र खंडूड़ी ने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर ने मुगल शासकों की अपमानजनक शर्तों को मानने की बजाय खुशी से अपने जीवन को बलिदान करना स्वीकार किया, हमें भी बाबा बंदा सिंह बहादुर के जीवन से अन्याय के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे देश में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गया है, इसे दूर करने के लिए साहस के साथ अलख जगानी होगी, सभी को एकजुट होकर इसके खिलाफ संघर्ष करना होगा, जिस तरह बाबा बंदा सिंह बहादुर ने विषम परिस्थितियों में भी खालसा राज कायम करने में सफलता पाई, उसी प्रकार धैर्य और निरंतर संघर्ष से देश से भ्रष्टाचार को दूर किया जा सकता है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, कि खालसा पंथ का हिंदू संस्कृति एवं सभ्यता के संरक्षण में अहम योगदान है। सिख धर्म का इतिहास त्याग, बलिदान से भरा है, जो हम सबको देशभक्ति, सामाजिक सद्भाव एवं राष्ट्रीयता की प्रेरणा देता है। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल और सेवानिवृत थलसेना अध्यक्ष जनरल जेजे सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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