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पणजी। पूरी दुनिया के दर्शकों के बीच अपनी पकड़ रखने वाले फिलिप नॉयस की फिल्मों का प्रदर्शन गोवा में चल रहे 42वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह के पुनरावलोकन खंड में किया जा रहा है। ‘द क्वाइट अमरीकन’, ‘बैकरोड्स’, ‘कैच अ फायर’, ‘क्लीयर ऐंड प्रजेंट डेंजर’ और ‘न्यूजफ्रंट’ नामक फिल्में इस समारोह मे दिखाई जा रही हैं। ऑस्ट्रेलिया में जन्मे नॉयस ने अपनी पहली फिल्म 18 साल की उम्र में ही 1973 में बनाई थी। सन् 1974 में उन्होंने ‘कैस्टर ऐंड पोलक्स’ का निर्माण किया जिसे उस साल की श्रेष्ठ लघु फिल्म का सम्मान दिया गया। सन् 1978 में उन्होंने न्यूजफ्रंट का निर्देशन और सहलेखन किया। इसे उस साल ऑस्ट्रेलियाई फिल्म पुरस्कार की सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशन और सर्वश्रेष्ठ पटकथा का सम्मान दिया गया। सन् 2002 में उनकी दो फिल्में 'द क्वाइट अमरीकन' और 'रैबिट प्रूफ फेंस' प्रदर्शित हुई। इन फिल्मों ने नॉयस को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के कई सम्मान दिलाए। सन् 2010 में नॉयस ने एंजलिना जोली के साथ अपनी सबसे हिट फिल्म 'सॉल्ट' बनाई, जिसने पूरी दुनिया में 29.5 करोड़ डॉलर कमाए।
फिल्म समारोह में मणि कौल को श्रद्धांजलि
पणजी। गोवा में चल रहे 42वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में प्रख्यात फिल्मकार मणि कौल की कुछ फिल्मों का प्रदर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। जोधपुर, राजस्थान में जन्मे फिल्म निर्माता कौल (1944-2011) ने जयपुर से स्नातक किया और एफटीआईआई, पुणे से डिप्लोमा किया। अपने कॅरियर में उन्होंने कुल 24 फिल्में बनाईं। ‘उसकी रोटी’, ‘दुविधा’, सतह से उठता आदमी’ जैसी महान फिल्में और ‘ध्रुपद’, ‘मति मानस’ और सिद्धेश्वरी’ जैसी नॉन-फिक्शन फिल्में, फिर ‘नजर’, ‘इडियट’ और ‘नौकर की कमीज’ जैसी फिक्शन फिल्में कौल ने बनाईं। कौल अच्छे चित्रकार, कवि, संगीतकार और अभिनेता भी थे। बासु चटर्जी की फिल्म ‘सारा आकाश’ में उन्होंने अभिनय किया था। मणि कौल का गायब होते मूल्यों पर जोर था। उनकी फिल्में जो इस फिल्म समारोह में दिखाई जा रही हैं वे ध्रुपद, इडियट, नौकर की कमीज और उसकी रोटी हैं। ध्रुपद उनकी एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म है।