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देश में सृजनात्‍मक नेतृत्‍व जरूरी-अब्‍दुल कलाम

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ए पी जे अब्दुल कलाम/a p j abdul kalam

नई दिल्ली। भारत के पूर्व राष्‍ट्रपति डॉक्‍टर एपीजे अब्‍दुल कलाम ने कहा है कि अच्‍छे प्रशासन के लिए सृजनात्‍मक नेतृत्‍व अनिवार्य है। वे संघ लोक सेवा आयोग का तृतीय स्‍थापना दिवस व्‍याख्‍यान दे रहे थे। विषय था शासन और लोकसेवा। डॉक्‍टर कलाम ने देश की शासन व्‍यवस्‍था के विभिन्‍न प्रभागों में नियुक्ति के लिए सर्वाधिक कुशाग्र व्‍यक्तियों के चयन और अनुशंसा में संघ लोक सेवा आयोग की भूमिका की सराहना की। छह दशक से अधिक समय में संघ लोक सेवा आयोग ने 4.6 करोड़ अभ्‍यर्थियों की परीक्षा लेने के बाद ढाई लाख से ज्‍यादा उम्मीदवारों का चयन किया। उन्होंने कहा कि समाज की गति को प्रभावित करने वाले विभिन्‍न कारकों के बावजूद संघ लोक सेवा आयोग ने गहन प्रतियोगिता के अधीन विभिन्‍न सेवाओं के लिए परीक्षाएं, साक्षात्कार, व्‍यक्तित्‍व परीक्षण आयोजित करने के बाद उपयुक्‍त उम्‍मीदवारों की अनुशंसा की है।
डॉक्‍टर कलाम ने अपने व्‍यक्तिगत अनुभव और इतिहास से उन स्थितियों के बारे में बताया, जब भारत में राजनीतिक नेतृत्‍व ने देश को प्रगति के पथ पर ले जाने में सृजनात्‍मक नेतृत्‍व की विशेषताओं का प्रदर्शन किया था। डॉक्‍टर कलाम ने सृजनात्‍मक नेतृत्‍व का विस्‍तार से उल्‍लेख करते हुए विभिन्‍न योग्‍यताओं और विशेषताओं का भी वर्णन किया। डॉक्‍टर कलाम ने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि सृजनात्‍मक नेतृत्‍व की विशेषताएं, जो हमारी बौद्धिक मानवीय क्षमता का आधार होंगी, भारत को एक सक्रिय राष्‍ट्र में परिवर्तित करेंगी। वास्‍तव में संघ लोक सेवा आयोग राष्‍ट्र को विभिन्‍न क्षेत्रों में सर्वोत्तम मानव शक्ति प्रदान करके इस परिवर्तन में एक भागीदार की भूमिका निभा रहा है और इसमें उनकी मैं क्‍या दे सकता हूं' और 'मैं सत्‍यनिष्‍ठा के साथ काम करूंगा और अखंडता के साथ सफल होउंगा' की महान विशेषताएं होंगी। इस मौके पर यूपीएससी के अध्यक्ष ने बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा की मुख्‍य परीक्षा में परिवर्तन विचाराधीन है जिसके लागू होने से प्रशासनिक सेवा में और अधिक योग्यता, व्यवहारिकता का विकास होगा।

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