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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा समिति ने 1 दिसंबर को भारत में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा की समीक्षा की। समिति ने कहा कि आवश्यकतानुसार सुरक्षा उपाय अपनाए जा रहे हैं। समिति को विशेष तौर पर मार्च 2011 में जापान के फुकुशिमा में हुई परमाणु दुर्घटना को देखते हुए स्वदेश में उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई। सुरक्षा समिति ने ध्यान दिया कि इस संदर्भ में सुनामी और भूकंप जैसी बड़ी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए खास तौर पर भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सभी सुरक्षा प्रणालियों की तकनीकी समीक्षा की जा चुकी है। इनकी सुरक्षा को बढ़ाने से संबंधित आवश्यकतानुसार सिफारिशों को भी कार्यान्वित किया जा रहा है।
सुरक्षा के और भी उपायों के अनुसार अतिरिक्त आपातकाल कार्रवाई केंद्रों की स्थापना के अलावा प्राकृतिक आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ संयोजन में परमाणु विकिरणों जैसे आपातकालों से निपटने के लिए व्यवस्था तंत्रों को मजबूत बनाया जा रहा है। आपातकालीन तैयारियों के लिए एनडीएमए ने विभिन्न कार्य योजनाओं को भी तैयार कर लिया है। पूर्व सुरक्षा समीक्षाओं पर उठाए गए कदमों की जानकारी सार्वजनिक कर दी गई है। एक स्वतंत्र और स्वायत्त परमाणु नियामक निकाय के निर्माण के उद्देश्य से बनाए गए परमाणु सुरक्षा नियामक प्राधिकरण विधेयक 2011 को संसद में पेश किया जा चुका है।
सरकार ने अपनी सुरक्षा समीक्षाओं और जांच में मदद के लिए अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के एक परिचालन सुरक्षा समीक्षा दल को आमंत्रित करने का फैसला किया है। सुरक्षा समिति ने जागरूकता बढ़ाने, सभी रेडियोधर्मी स्रोतों के पंजीकरण, आने वाली धातुओं की कतरनों की विकिरण जांच, सीमाओं पर विकिरण जांच उपकरणों की स्थापना, निरीक्षणों में वृद्धि और नियामक क्षमताओं को मजबूत करने के अलावा अप्रैल 2010 में दिल्ली के मायापुरी में हुई विकिरण दुर्घटना के मद्देनजर सरकार के उठाए कदमों की भी समीक्षा की।