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देहरादून। राज्य से बाहर विशेषकर दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले उत्तराखंड के लोगों को विभिन्न प्रमाण पत्रों के लिए तहसील या विकासखंड में नहीं जाना पड़ेगा। जाति, आय, हैसियत, जन्म, स्थायी निवास, चरित्र, पर्वतीय क्षेत्र निवास सहित विभिन्न प्रमाण पत्र उत्तराखंड सरकार के दिल्ली स्थित स्थानिक आयुक्त कार्यालय से ही मिल जाएंगे। प्रदेश से बाहर बड़ी संख्या में रहने वाले उत्तराखंड वासियों को प्रमाण पत्र प्राप्त करने में आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी के निर्देश पर इंद्र प्रकाश बिल्डिंग, बाराखंबा रोड, नई दिल्ली में संचालित स्थानिक आयुक्त कार्यालय में ‘जनाधार ई-सेवा’ प्रारंभ की जा रही है। इस सेवा का शुभारंभ मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी 5 दिसंबर को दिल्ली में करेंगे।
एनआईसी, उत्तराखंड के निदेशक डॉ देवरत्न शुक्ला ने बताया कि ई-जनाधार सेवा उत्तराखंड की सभी तहसीलों में पहले से ही संचालित की जा रही है, परंतु राज्य से बाहर रहने वाले उत्तराखंड वासियों विशेष रूप से यहां के छात्रों को आवश्यक प्रमाण पत्रों के लिए पहले आवेदन करने के लिए और फिर प्रमाण पत्र लेने के लिए संबंधित तहसील आना पड़ता था। अब उन्हें यह सुविधा दिल्ली स्थित स्थानिक आयुक्त कार्यालय से ही मिल जाएगी। इससे आवेदकों के धन और समय की काफी बचत होगी।
डॉ शुक्ला ने बताया कि सभी आवश्यक सुविधाओं से युक्त ई-जनाधार सेवा का विस्तार पटल स्थानिक आयुक्त कार्यालय में स्थापित कर दिया गया है। संबंधित कार्मिकों को प्रशिक्षित भी कर दिया गया है। यहां प्रमाण पत्र के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा कर आवेदक को आवेदन संख्या सहित प्राप्ति पत्र दिया जाएगा। यदि कोई दस्तावेज रह गया होगा तो इससे भी आवेदक को अवगत कराया जाएगा। यहां से प्रार्थना पत्र संबंधित तहसील को अग्रसारित कर दिया जाएगा। प्रमाण पत्र तैयार होने पर स्थानिक आयुक्त कार्यालय के माध्यम से ही आवेदक को निर्धारित अवधि के भीतर उपलब्ध करा दिया जाएगा। ई-जनाधार सेवा का विस्तार पटल दिल्ली स्थित उत्तराखंड के स्थानिक आयुक्त कार्यालय में खुल जाने से प्रदेश के बाहर बड़ी संख्या में रहने वाले उत्तराखंड के लोगों को काफी राहत मिलेगी।