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नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय ने गोवा में शुक्रवार को भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में प्रमुख फिल्म निर्देशकों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने सिनेमा के माध्यम से देश के पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए जागरुकता बढ़ाने और लोगों में रुचि निर्माण की रणनीति का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि विश्वभर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सिनेमा महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है, क्योंकि भारत उन देशों में है, जो फिल्म निर्माण के साथ ही वैश्विक स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काफी कुछ पेश करता है।
सुबोध कांत सहाय ने कहा कि इस तथ्य का हालिया उदाहरण यह है कि फिल्म ‘जिंदगी न मिलेगी दोबारा’ देखने के बाद यकायक भारतीय यात्री स्पेन की यात्रा करना चाहते हैं। सहाय ने आगे कहा कि अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्देशकों के समक्ष हम भारत को एक बेहतरीन पर्यटन स्थल के रुप में प्रस्तुत कर भारत में भी ऐसा कर सकते हैं। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए उन्होंने अन्य लोगों के सुझावों का निवेदन किया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में फिल्म पर्यटन में काफी तेज़ी से प्रगति हो रही है, जिसमें मनोरंजन उद्योग की वृद्धि और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा में बढ़ोतरी दोनों समाहित हैं।
उन्होंने बैठक में भाग ले रहे लोगों को जानकारी दी कि डबल्यूटीओ के पूर्वानुमानों के अनुसार आने वाले समय में इसमें काफी तेज़ी से वृद्धि होगी, मौजूदा समय में भारत अपने पर्यटन बाजार में इजाफे को अधिक बढ़ावा नहीं दे सका है। भारत में ऐसे बहुत से प्राकृतिक और अच्छे पर्यटन स्थल हैं, जहां फिल्मों की शूटिंग की जा सकती है और पर्यटन मंत्रालय इन स्थलों को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा ताकि भारत को फिल्म शूटिंग के लिए काफी माकूल स्थल के रुप में स्थापित किया जा सके, जिससे देश में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही रोज़गार का भी सृजन होगा।
बैठक में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, सुप्रसिद्ध निर्देशकों, निर्माताओं और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा जगत की हस्तियां भी मौजूद थीं। इन हस्तियों में पर्यटन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव संजय कोठारी, एनडीएफसी की प्रबंध निदेशक सुनीना लाथ गुप्ता, विशाल भारद्वाज, राकेश ओमप्रकाश मेहरा, दिवाकर बैनर्जी, सुजोया अख्तर, राज कुमार हिरानी, अनुराग कश्यप और फराह खान आदि जैसे निर्माता निर्देशक भी शामिल थे। बैठक के दौरान फिल्म निर्माताओं के समक्ष पेश आने वाली चुनौतियों और वित्तीय, गैर-वित्तीय मुआवजे, तार्किक सहयोग, सुविधा वैट वापसी जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई और निम्नलिखित मुद्दों पर सुझाव दिए गए।
लाइसेंस, अनापत्ति प्रमाणपत्र आदि के लिए एकल खिड़की निकासी, सुरक्षा इंतज़ामों की शूटिंग स्थलों पर सुविधा हो। उत्पाद की विश्वसनीयता महत्वपूर्ण है-जो प्राप्त किया जा सके, उसे ही प्रस्तुत किया जाए। वीज़ा प्रक्रिया को सुचारु बनाना। फिल्म उपकरणों के आयात के लिए सीमा शुल्क निकासी में तेजी लाना। शूटिंग स्थलों तक सुगम पहुंच। फिल्म निर्माताओं की बाधाओं को दूर करना और वित्तीय प्रोत्साहन देना। विभिन्न देशों से की जाने वाली संधियों/आपसी सहमति के समझौतों को फिल्म प्रोत्साहन के साथ जोड़ना। फिल्म निर्माण को सहयोग के लिए निधियन निर्धारित करना। दुनिया भर के फिल्म निर्माताओं से प्रतिपुष्टि प्राप्त करने के लिए प्रश्नोत्तरी तैयार करना। फिल्म स्थलों की शूटिंग को रेखांकित करने के लिए एक समर्पित वेबसाइट/सोशल मीड़िया साइट जैसे यू-ट्यूब का प्रभावी इस्तेमाल। विदेशी और भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिए प्रोत्साहन की पेशकश।
पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय के मार्गनिर्देशन में वरीयता के आधार पर पर्यटन मंत्रालय ने निम्नलिखित निर्णय लिए- अन्य विषयों जिन पर चर्चा की गई उनके संदर्भ में सहाय ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतर-राष्ट्रीय निर्देशकों और निर्माताओ के सुझाए गए वे प्रस्ताव जिन पर अभी गौर नहीं किया गया है, उन पर वरीयता के आधार पर इस वर्ष के अंत तक विचार किया जाएगा और इस संदर्भ में मंत्रालय के अधिकारियों को दृष्टिकोण पत्र तैयार करने के लिए वे पहले ही निर्देश दे चुके हैं, ताकि वे सिनेमा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इन मुद्दों को जब और जैसे आवश्यक हो वैसे उस पर प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिमंडल से चर्चा कर सके।
राष्ट्रीय स्तर पर संस्था का निर्माण करना, जिसमें एनएफडीसी, पर्यटन मंत्रालय के सदस्यों को भी शामिल किया जा सके। एनडीएफसी की प्रबंध निदेशक सुनीना गुप्ता इसको समन्वित करेंगी और इसके लिए केंद्रीय अधिकारी होंगी। फिल्मों की शूटिंग के लिए गोवा, पुद्दुचेरी और तमिलनाडु की सफलता की कहानियों का अध्ययन करना और उन्हें दोहराना। यह बेहतर होगा कि आयोग समिति की अध्यक्षता सीएम द्वारा की जाए। अंतर मंत्रालयी समिती में प्रधानमंत्री के निजी सचिव के समक्ष वीजा मुद्दे को उठाया जाएगा। भारत में पर्यटन स्थलों के विकास के लिए फिल्म निर्देशकों/निर्माताओं को विभिन्न स्थान दिखाने के लिए पर्यटन मंत्रालय निमंत्रण देगा। पर्यटन मंत्रालय फिल्म शूटिंग के लिए सुविधा शुल्क के संबंध में भुगतान पर विचार करेगा और एक उचित मॉडल तैयार करने पर कार्य करेगा। पर्यटन मंत्रालय, व्यापार से संबंधित विमर्श कर स्थान प्रबंधन सेवाओं पर भी कार्य करेगा और शूटिंग के लिए संभावित स्थान की सूची पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट पर डाली जाएगी। फिल्म शूटिंग पर हुए व्यय पर कर प्रतिपूर्ति की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा। कुछ देशों में फिल्म शूटिंग करने पर यदि उस देश के पर्यटन को फिल्म के ज़रिए बढ़ावा दिया जाता है तो वहां के मेयर, शूटिंग शुल्क में कुछ प्रतिशत की छूट देते हैं, पर्यटन मंत्रालय इसका परीक्षण करेगा ताकि किसी स्थल को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार की वित्तपोषण की संभावनाओं पर विचार किया जा सके।