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मणिपुर के विकास के लिए दुगना धन

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इंफाल। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि तेरहवें वित्त आयोग के तहत 2010-15 के लिए मणिपुर सरकार को केंद्र लगभग 13,600 करोड़ रुपए देगा, जो 2005-2010 में प्रदान की गई राशि की दोगुना रकम है। मौजूदा वर्ष के लिए मणिपुर की योजना लागत 3210 करोड़ रुपए है जो 2005-06 की योजना लागत से तीन गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार का यह प्रयास रहा है कि मणिपुर एवं अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के तेजी से विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं, हम चाहते हैं कि इस राज्य के लोगों को अपनी प्रतिभा और अपनी क्षमता का विकास करने का अवसर मिले, पिछले पांच वर्षों में हमने मणिपुर की कांग्रेस सरकार के साथ मिलकर इसे साकार रुप देने की पूरी कोशिश की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इस बात को पहचानते हैं कि मणिपुर के आर्थिक विकास के लिए अच्छे बुनियादी ढांचे का निर्माण काफी ज़रुरी है, इसलिए हमने पूरी ईमानदारी के साथ इस दिशा में कार्य किया है। राज्य सरकार ने 640 एकड़ ज़मीन उपलब्ध कराई है और भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण ने अंतर-राष्ट्रीय मानकों तक बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए योजना तैयार की है। टुपुल मार्ग से जिरीबम से मणिपुर के बीच 125 किलो मीटर रेलवे लाइन बनाने का कार्य प्रगति पर है, मार्च 2016 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। पहाड़ी इलाकों में सड़क संपर्क में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार ने केंद्रीय सहायता का निवेदन किया है, उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह इस संदर्भ में एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार करे ताकि उस पर उपयुक्त प्रकार से विचार किया जा सके।
मनमोहन सिंह ने कहा कि मणिपुर में शिक्षा सुविधाओं में सुधार लाने के लिए हमने बहुत सी परियोजनाओं को शुरु किया है, ताकि राज्य की विकास क्षमता का पूरी तरह से आकलन किया जा सके और लोगों को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हो। अभी-अभी नवीन राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान की आधारशिला का अनावरण किया गया है। वर्ष 2010-11 से यह संस्थान पहले ही काम करना शुरु कर चुका है। मणिपुर की विशेष ज़रुरतों का ध्यान रखते हुए राज्य के सभी नौ जिलों में आवासीय कस्तूरबा गांधी विद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया है, इनमें वे जिले भी शामिल हैं, जो आमतौर पर आवश्यक मानदंडों को पूरा नहीं करते। इसी तरह उखरुल और सेनापति जिलों के लिए दो नवीन नवोदय विद्यालय को भी मंजूरी दी गई है।

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