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नई दिल्ली। मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने सोमवार को चाणक्यपुरी, नई दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखंड सदन का लोकार्पण करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेश का विकास आनंदमय विकास के रुप में चाहती है, जिस हेतु दिल्ली में रहने वाले बुद्धिजीवी उत्तराखंड प्रवासियों को राज्य सरकार को समय-समय पर सुझाव देते रहने चाहिएं, ताकि राज्य सरकार प्रदेश के नागरिकों तथा दिल्ली में रह रहे उत्तराखंड प्रवासियों के कल्याण के लिए बेहतर नीतियो का सृजन कर सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य जैसी अतुल्य एवं विविध प्राकृतिक संपदा, विश्व में किसी अन्य भूखंड पर नहीं है, प्रदेश में जड़ी-बूटी, पर्यटन, स्वास्थ्य, आयुर्वेद आदि की अपार संभावनाएं हैं, जिसका हम अभी तक सदुपयोग नहीं कर पाये हैं। इस दिशा में काफी कार्य की आवश्यकता है, जिससे कि उत्तराखंड एक संपंन राज्य के रुप में अपनी पहचान बना सके। उन्होंने दिल्ली में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडियों का आह्वान किया कि वे वर्ष में कम से कम एक बार अपने बच्चों को उनके गावों तक जरुर ले जायें ताकि वे भी अपनी संस्कृति, बोली, परंपराओं, संस्कारों तथा अपनी जड़ों से परिचित हो सकें।
खंडूड़ी ने कहा कि नवनिर्मित उत्तराखंड सदन का स्वरुप तय करते समय भवन में देवभूमि की संस्कृति तथा परंपराओं की झलक दिखाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि यहां आने वाले अतिथियों एवं प्रवासी उत्तराखंडवासियों को प्रदेश के पारंपरिक वस्त्र, खाद्यान्न, जड़ी-बूटी आदि वस्तुओं के प्रदर्शन एवं विपणन की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व प्रदेश से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले रोगियों के परिजनों के रहने की व्यवस्था तीन वर्ष पूर्व नई दिल्ली में एक गेस्ट हाउस में की गई थी, जो काफी सफल साबित हो रही है। इस अवसर पर उत्तराखंड से भाजपा विधायक गणेश जोशी, यूकेडी विधायक, पुष्पेश त्रिपाठी, उत्तराखंड प्रवासी समन्वय एवं सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष पीसी नैलवाल, सच्चिदानंद शर्मा, मुख्य सचिव सुभाष कुमार, मुख्य स्थानिक आयुक्त एसके मुट्टू उत्तराखंड के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।