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नई दिल्ली। भारत ने कहा है कि आने वाले वर्षों में कच्चे तेल और गैस की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने में अफ्रीका अहम भूमिका अदा कर सकता है। तीसरे भारत-अफ्रीका हाइड्रोकार्बन सम्मेलन से पूर्व मीडिया को संबोधित करते हुए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने कहा कि भारत, अफ्रीका की हाइड्रोकार्बन मूल्य श्रृंखला में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने का इच्छुक है। उन्होंने कहा कि अफ्रीका के आर्थिक विकास में वृद्धि होने के साथ उसकी ऊर्जा मांगों में भी वृद्धि हो रही है, भारत भी अफ्रीका को पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति बढ़ाने का इच्छुक है।
आरपीएन सिंह ने कहा कि भारत-अफ्रीका हाइड्रोकार्बन सम्मेलन हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को और आगे बढ़ाने, नीति और विनियामक ढांचों को समझने एवं दोनों देशों के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के अवसरों को कार्यान्वित करने के उद्देश्य को इंगित करता है। दक्षिण अफ्रीका पर केंद्रित भारत की विदेश नीति के अंतर्गत, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की ओर से एफआईसीसीआई के सहयोग के साथ एक संस्थागत तंत्र के तौर पर भारत-अफ्रीका हाइड्रोकार्बन सम्मेलन की पहल की जा चुकी है। तीसरे भारत-अफ्रीका हाइड्रोकार्बन सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली के द ग्रांड में 9-10 दिसंबर-2011 को किया जाएगा। इस सम्मेलन के दौरान हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में भारत और अफ्रीका की क्षमताओं, तेल और गैस में दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने के अवसरों, अफ्रीका के विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय निवेश की संभावनाएं, भारत और अफ्रीका के बीच नीति और नियामक प्रारूपों के अलावा दोनों देशों के बीच मानव संसाधन विकास, तकनीकों के हस्तांतरण, अनुसंधान और विकास में क्षमता संवर्धन में सहयोग जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
पिछले दो भारत-अफ्रीका हाइड्रोकार्बन सम्मेलनों ने दोनों देशों के बीच तेल और गैस के क्षेत्र में संभावनाओं को बेहतर रूप से समझने के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब तक, तीसरे सम्मेलन के लिए 16 देशों ने अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है। इसके अलावा 12 से अधिक देशों के राजदूत और उच्चायुक्त सम्मेलन में प्रतिनिधि के तौर पर उपस्थित होंगे। भारत की 53 और अफ्रीका की 12 राष्ट्रीय तेल कंपनियों ने भी इस सम्मेलन में शामिल होने की पुष्टि कर दी है।