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दोहा। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री, एस जयपाल रेड्डी, जो दोहा में आयोजित 20वें विश्व पेट्रोलियम कांग्रेस में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, ने विभिन्न देशों के साथ भी निवेश और भारतीय तेल कंपनियों के लिए नए अवसर तलाशने के संबंध में व्यापक विचार विमर्श किया। इन तीन दिनों में उनकी द्विपक्षीय बैठकों में सहयोग के कई क्षेत्रों को चिन्हित किया गया।
ओमान के तेल और गैस मंत्री डॉ मोहम्मद बिन हामिद अल रूमी के साथ बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने बीना तेलशोधक परियोजना की प्रगति की समीक्षा की जो बीपीसीएल और ओमान तेल कंपनी का संयुक्त उपक्रम है। इस दौरान भारत में पेट्रोकेमिकल परियोजनाओं सहित अन्य परियोजनाओं में ओमान के निवेश के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। जयपाल रेड्डी ने कजाकिस्तान के ऊर्जा एवं खनिज संसाधन उपमंत्री ल्याजत कीनो के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की। इस बैठक में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव जीसी चतुर्वेदी और ओएनजीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सिधिर वासुदेव ने भाग लिया, जिसमें उन्होंने तेल और गैस क्षेत्र में संबंधों को और आगे बढ़ाने की इच्छा जताई।
छह दिसंबर 2011 को गैबन के खनन, तेल एंव हाइड्रोकार्बन मंत्री एलेकजेंडर बारो चैंबरियर के साथ हुई बैठक के दौरान गैबन ने भारतीय कंपनियों को उनके तेल और गैस क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित किया। बहरीन के तेल एवं गैस मामलों के मंत्री डॉक्टर अब्दुल हुसैन बिन अली मिर्जा के साथ हुई बैठक के दौरान एस जयपाल रेड्डी ने बहरीन की तेल परियोजनाओं में भारतीय निवेश की संभावनाओं और भारत को ज्यादा कच्चे तेल की आपूर्ति के संबंध में बातचीत की। यूरोपीय संघ के ऊर्जा आयुक्त गुवेंथर ओइटिंजर और जयपाल रेड्डी की द्विपक्षीय वार्ता के दौरान ओइटिंजर ने उत्कृष्ट व्यवहारों के आधार पर आम सुरक्षा नियमन के बारे में सहयोग बढ़ाने का प्रस्ताव रखा।
जयपाल रेड्डी ने 5 दिसंबर 2011 को 20वें डब्ल्यूपीसी बैठक में आयोजित मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद जयपाल रेड्डी ने अपने समकक्ष कतर के ऊर्जा एवं उद्योग मंत्री डॉक्टर मोहम्मद बिन सलेह अल-सदा के साथ भी बातचीत की। चार दिसम्बर 2011 को डब्ल्यूपीसी के उद्घाटन सत्र के दौरान रेड्डी ने संयुक्त अरब अमीरात के ऊर्जा मंत्री मोहम्मद बिन धाएन अल हमिली के साथ तेल क्षेत्र में परस्पर सहयोग बढ़ाने की दिशा में वार्ता की।