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नई दिल्ली। भारत में दो वर्षों के अंदर हर ग्राम पंचायत इलाके में ब्रॉडबैंड कनेक्टविटी उपलब्ध हो जाएगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को इंडिया टेलीकॉम 2011 के उद्घाटन सत्र में यह बात कही। मनमोहन सिंह ने कहा कि इसके लिए सरकार ने हाल ही में नेशनल आप्टिकल फाइबर नेटवर्क तैयार करने की एक स्कीम का अनुमोदन किया है। इसके शुरूआती चरण पर लगभग 20 हजार करोड़ रुपए लागत आने का अनुमान है। लगभग इतनी ही रकम प्राइवेट सेक्टर द्वारा इस मूल सुविधा के सृजन पर लगाए जाने की उम्मीद है। इसके जरिए व्यक्तिगत उपभोक्ताओं की इन सेवाओं तक पहुंच बन जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्कीम से ग्रामवासियों को तरह-तरह के फायदे होने की आशा है। इसके जरिए बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और कृषि सेवाओं का प्रावधान हो सकेगा।
मनमोहन सिंह ने मजबूत दूरसंचार क्षेत्र की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इससे आर्थिक विकास तेज होता है और साथ ही, सामाजिक जनकल्याण की भावना जोर पकड़ती है। उन्होंने देश में दूरसंचार क्षेत्र के तेज विकास के बारे में कहा कि भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला दूरसंचार बाजार बन गया है और हर महीने यहां करीब एक करोड़ 80 लाख नए ग्राहक बनते हैं। इसी तरह से वर्ष 2000 में जहां वाइस सर्विसेज का प्रसार दो प्रतिशत था वहीं यह अगस्त 2011 में बढ़कर 72.1 प्रतिशत हो गया। इससे देश में प्रतियोगिता बढ़ी है और निजी क्षेत्र में इसका व्यापार बढ़ गया है।
मनमोहन सिंह ने इसी संदर्भ में राष्ट्रीय दूरसंचार नीति के मसौदे की चर्चा की जिसमें वर्ष 2015 तक मांग पर ब्रॉडबैंड कनेक्शन देने की व्यवस्था की गयी है। इसका उद्देश्य 2017 तक 17 करोड़ 50 लाख और 2020 तक 60 करोड़ ऐसे कनेक्शन देना है जिनकी प्रति सेकेंड डाउनलोड स्पीड कम से कम दो मेगाबाइट होगी। साथ ही, 2014 तक सभी ग्राम पंचायतों को आप्टिकल फाइबर के जरिए तेज रफ्तार और बेहतर क्वालिटी वाला ब्रॉडबैंड कनेक्शन उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था है। धीरे-धीरे यह सुविधा सभी ग्रामों और बस्तियों में उपलब्ध करा दी जाएगी।
भारत में दूरसंचार क्षेत्र के विकास की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र में समय-समय पर पहल करती रही है। वर्ष 1994 की राष्ट्रीय दूरसंचार नीति और 1999 की राष्ट्रीय दूरसंचार नीति इस सिलसिले में दो प्रमुख उपाय रहे हैं। देश में दूरसंचार क्षेत्र अपनी पूरी संभावित क्षमता से काम कर सके, इसके लिए राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 2011 तैयार की जा रही है। मनमोहन सिंह ने सरकार की नीतियों के बारे में कुछ लोगों द्वारा शंकाओं की चर्चा की और कहा कि सरकार इस क्षेत्र का विकास और रचनात्मकता बनाए रखने के लिए सरकार पूरी तरह वचनबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दूरसंचार नीति 2011 में ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में वाजिब दरों पर दूरसंचार सेवाएं देने का प्रावधान होगा। उन्होंने भरोसा जाहिर किया कि यह नीति दूरसंचार क्षेत्र के तेज विकास में सहायक होगी जिससे देश के हर नागरिक को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि फिलहाल देश में आयातित उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए दूरंसचार तंत्र की स्थापना की जा रही है लेकिन भारत जैसे विशाल देश में इस तंत्र के विकास के लिए बड़े पैमाने पर उपकरण आयात करने की जरूरत पड़ेगी, जिसे ध्यान में रखते हुए देश में ही दूरंसचार क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने की जरूरत है। भारतीय दूरसंचार क्षेत्र को देश की एक सफलता की कहानी बताते हुए मनमोहन सिंह ने उम्मीद जाहिर की कि भविष्य में अर्थव्यवस्था के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में हमें और भी कामयाबियां देखने को मिलेंगी। इस सिलसिले में सरकार सभी हित धारकों के साथ मिलकर दूरसंचार क्षेत्र के निर्माण के लिए काम करेगी। प्रधानमंत्री ने उपस्थित प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया कि इस संबंध में सरकार अनुकूल नीतियां बना रही है जिससे दूरसंचार क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा।