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जूट कॉरपोरेशन को सब्सिडी

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नई दिल्ली। आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडल की समिति ने निरंतर आधार पर समर्थन मूल्‍य बनाये रखने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए जूट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को सब्सिडी उपलब्‍ध कराने का निर्णय लिया है। सब्सिडी की मात्रा में कच्‍चे पटसन का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य देने पर हुए खर्च और कच्‍चे पटसन के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य में बिक्री के समय के अंतर की राशि शामिल होगी। जूट वर्ष 2011-12 से निर्धारित फुटकर लागत की प्रतिपूर्ति 55 करोड़ रूपए के स्‍तर पर बनाये रखी जाएगी। इसकी स्‍वीकृति हर साल न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य संचालन पर तैयारी खर्चो के रूप में दी जाएगी इसलिए इसका भुगतान उन वर्षो के लिए भी किया जाएगा, जब न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य नहीं दिया गया।
जूट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को 2009-10 और 2010-11 के दौरान दी गई सब्सिडी (क्रमश: 36.59 करोड़ रूपये और 30 करोड़ रूपये) को विनियमित करना और 20101-11 के लिए बाकी देय राशि (6.59 करोड़ रूपये) का विमोचन करना, ताकि पिछले वर्षो के स्‍तर पर यह अदायगी आ सके, उपचित ब्‍याज सहित 150 करोड़ रूपये तक की एकबारगी सरकारी गारंटी उपलब्‍ध कराना भी इसमें ‌शामिल है। यह वर्ष 2011-12 से 10 वर्षो तक लागू रहेगा और इसकी अदायगी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को जब भी जरूरी हो, जूट कॉरपोरेशन इंडिया द्वारा कार्यकारी पूंजी के रूप में ऋण लेने में किया जाएगा, इसका इस्‍तेमाल न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य संचालन में किया जाएगा।
इस फैसले से जूट कॉरपो‍रेशन ऑफ इंडिया को पटसन किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी और इसका इस्‍तेमाल वह भारत सरकार के निर्धारित न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर कच्‍चे पटसन की खरीद में करेगा, साथ ही, 40 लाख किसानों और पूरी पटसन अर्थव्‍यवस्‍था के लाभ के लिए बाजार में स्थिरता लाने के लिए इसका प्रयोग किया जाएगा।

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