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लखनऊ। राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान और सीएसआईआर लखनऊ के वैज्ञानिकों ने संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ पी पुष्पांगदन के नाम से एक नया और खूबसूरत पुष्प विकसित किया है जिसे गमलों और क्यारियों में लगाकर घर-आंगन और उद्यान की शोभा बढ़ाई जा सकती है। एनबीआरआई के निदेशक डॉ चंद्रशेखर नौटियाल ने शनिवार को एनबीआरआई के सेंट्रल लॉन में गुलदाउदी और कोलियस की दो दिवसीय प्रदर्शनी में, वैज्ञानिकों और जनसाधारण की मौजूदगी में, पुष्पांगदन पुष्प विमोचित किया। एनबीआरआई देश का प्रमुख संस्थान है, जहां वैज्ञानिक इस प्रकार वनस्पतियों की उन्नत और दुर्लभ किस्मों पर शोध, खोज और उनके विकास पर असाधारण रूप से कार्य कर रहे हैं।
एनबीआरआई और सीएसआईआर ने इस वर्ष गुलदाउदी की यह नई प्रजाति विकसित की है, जिसे संस्थान के भूतपूर्व निदेशक डॉ पी पुष्पांगदन के सम्मान में, एनबीआरआई-पुष्पांगदन नाम दिया गया। संस्थान के निदेशक डॉ चंद्रशेखर नौटियाल ने इस मौके पर कहा कि वह और उनके वैज्ञानिक अपने महान वैज्ञानिक के नाम पर यह पुष्प प्रजाति विकसित करके बहुत खुश हैं। एनबीआरआई-पुष्पांगदन गुलदाउदी पीले फूल एवं परिवर्तित शीर्ष आकार की नई किस्म है। यह गुलदाउदी की ए-22 किस्म की उत्परिवर्ती है और एक बड स्पोर्ट के रूप में विकसित की गई है। डॉ पी पुष्पांगदन एनबीआरआई के निदेशक रह चुके हैं, जिनके सम्मान में यह पुष्प विकसित किया गया है। यह पौधा 49 सेंटीमीटर ऊंचाई तक जाता है और 210 से अधिक संख्या में पीले पवन-पुष्प शीर्षों को उत्पादित करता है। पौधे का फैलाव 46.5 सेंटीमीटर (एन-एस) और 42 सेंटीमीटर (ई-डब्ल्यू) है। पुष्प का शीर्ष आकार 4.30 सेंटीमीटर है। मध्यभाग में डिस्क पुष्प पिन कुशन की तरह होता है और इसका रंग पीला होता है। अर-पुष्पक नलिकाकार होते हैं और पुष्प शीर्ष में इनकी संख्या 21 होती है, इसके साथ उनका रंग पीला होता है।
ए-22 एक छोटे फूल वाली एक छोटी किस्म है जो नवंबर और दिसंबर के महीने में ऐनीमोन प्रकार के पुष्प उत्पन्न करती है। इसके पौधे 47 सेंटीमीटर (एन-5) और 42 सेंटीमीटर (ई-डब्ल्यू) फैलाव के साथ 50 सेंटीमीटर तक की ऊंचाई प्राप्त करते हैं। यह किस्म दो सौ से अधिक पुष्प शीर्षों को पैदा करती है। पुष्प का एक सिरे से दूसरे सिरे तक शीर्ष आकार 4.32 सेंटीमीटर तक है। अर-पुष्पक सपात होते हैं और उनकी संख्या पुष्प शीर्ष पर 27 होती है। केंद्रीय क्रीमिश डिस्क के साथ, अर-पुष्पक का रंग सफेद होता है। ए-22 एवं इसके बड स्पोर्टस एनबीआरआई-पुष्पांगदन के पुष्पीय और वनस्पति आकारीय लक्षणों के विश्लेषण से पता चला है कि सिवाय पुष्प शीर्ष रंग और आकार को छोड़कर, बड स्पोर्टस और इसके नियंत्रण के सभी लक्षण लगभग समान हैं। पुष्पांगदन का अनुपम पुष्प आकार अर्थात पवन-पुष्प आकार वाला पुष्प शीर्ष उन्नत नलिकाकार वाला अर-पुष्पक केंद्र स्थल से बाहर उभरते हुए हैं। यह गमलों और क्यारियों में लगाने की आदर्श किस्म है।
गुलदाउदी और कोलियस प्रदर्शनी में कुल 107 प्रदर्शकों से 831 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं। इस वर्ष विषय वस्तु अनुभाग के अंतर्गत कुछ आकर्षक शीर्षक इस प्रकार थे-बालश्रम पथरीली बगिया में खिलता बचपन और जग में सुंदर हैं दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम एवं मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया इत्यादि। प्रदर्शनी के आयोजन का प्रमुख उद्देश्य पुष्प कृषि उद्योग को बढ़ावा देना और जनसाधारण में पुष्प कृषि के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना है। यह एक दुर्लभ अवसर है, जब लोगों ने फूलों के विविध रंगों, प्रकारों, आकारों और उनके संवर्धित पद्घतियों के प्रभाव को देखा। सीएसआईआर-एनबीआरआई ने गुलदाउदी एवं कोलियस के अधिकतर सभी रंगों और प्रकारों के 220 से अधिक जर्मप्लाज्म संग्रह अनुरक्षित किए हैं। प्रदर्शनी में गुलदाउदी के प्रदर्शन के साथ-साथ उसकी अनुसंधान प्रक्रियाओं पर भी प्रकाश डाला गया। इसके अतिरिक्त संस्थान ने गुलदाउदी एवं कोलियस की पारंपरिक और आधुनिक विधियों के माध्यम से विकसित नई किस्मों के साथ, हाल ही में संग्रहीत जर्मप्लाज्म का प्रदर्शन भी किया है। गुलदाउदी पर कार्य कर रहे संस्थान के वैज्ञानिकों ने जनसाधारण से प्रत्यक्ष रूप से बातचीत की और कोलियस एवं गुलदाउदी की कृषि प्रौद्योगिकी, टैक्नो-इकोनॉमिक्स, व्यवसायिक कट फ्लावर किस्मों और अन्य संवर्धित पद्घतियों के प्रभाव को भी प्रदर्शित किया।
प्रदर्शनी प्रारंभ होने से पूर्व विशिष्ट निर्णायकों ने पुरस्कार विजेताओं के बारे में जो मुख्य निर्णय लिए वो इस प्रकार हैं-एसके शर्मा सीको केबिल्स ऐशबाग लखनऊ के पुष्प डॉरिस क्वीन यलो को प्रदर्शनी का राजा (रणजीत सिंह मेमोरियल ट्रॉफी) चुना गया और रंजीता अग्रवाल, मदन मोहन मालवीय मार्ग लखनऊ के पुष्प डबल कोरियन को प्रदर्शनी की रानी (श्रीमती रणजीत सिंह मेमोरियल ट्रॉफी) घोषित किया गया, उमाशंकर साहू विरामखंड गोमती नगर लखनऊ के पुष्प डायमंड जुबली को प्रदर्शनी का राजकुमार (काजी सैयद मसूद हसन रनिंग चैलेंज ट्रॉफी) घोषित किया गया। इनके अलावा मिथिलेश गुप्ता गोमती नगर लखनऊ के पुष्प कोका सोजोन को वर्ष का पुष्प (राम किशोर शर्मा मेमोरियल ट्रॉफी) घोषित किया गया और आर्मी हेड क्वार्टर सेंट्रल कमांड लखनऊ के पुष्प कोलियस को प्रदर्शनी का श्रेष्ठ कोलियस (श्रीमती कुमुद रस्तोगी मेमोरियल रनिंग चैलेंज ट्रॉफी) घोषित किया गया। इस अवसर पर बॉटनीकल गार्डन के उप निदेशक डॉ अनिल के गोयल, वरिष्ठ साइंटिस्ट डॉ जेके जौहरी, डॉ बीपी सिंह सहित कई पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक मौजूद थे।