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नई दिल्ली। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में जानकारी दी है कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कैंसर पंजीकरण कार्यक्रम के तैयार अद्यतन अनुमानों के अनुसार देश में लगभग 27 लाख लोग कैंसर से पीड़ित हैं। देश में प्रत्येक वर्ष कैंसर के लगभग 11 लाख नए मामले सामने आते हैं।
जिन सरकारी स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली में कैंसर की चिकित्सा उपलब्ध है, उनमें से अधिकांश के लिए राजसहायता दी जाती है। राष्ट्रीय आरोग्य निधि के अधीन उन सभी बीपीएल रोगियों को प्रति मरीज अधिकतम 1.5 लाख रूपये उपलब्ध कराए जाते हैं, जो जानलेवा बीमारियों से पीड़ित हैं। इसके अधीन राज्य की रोग सहायता निधियों/समितियों को धन दिया जाता है।
इस योजना के अधीन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के नियंत्रण वाले अस्पतालों के कोष में जानलेवा बीमारियों से पीड़ित मरीजों के प्रत्येक मामले में अधिकतम एक लाख रूपये की वित्तीय सहायता दी जाती है। इस योजना में स्वास्थ्य मंत्रालय सीधे तौर पर वित्तीय सहायता देता है, जिन मामलों में 1.5 लाख रूपये से अधिक धनराशि की मांग की जाती है, हालांकि यह सहायता केवल सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले बीपीएल मरीजों के लिए ही उपलब्ध है। स्वास्थ्य मंत्री की कैंसर रोगी निधि के अधीन पूरी धनराशि 27 क्षेत्रीय कैंसर केंद्र को वितरित की जाती हैं, ताकि बीपीएल कैंसर मरीजों के प्रत्येक रोगी के लिए अधिकतम एक लाख रूपये की सहायता दी जा सके।