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नई दिल्ली। केंद्रीय आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि भवन निर्माण सामग्री और प्रौद्योगिकी प्रोत्साहन परिषद ने वैकल्पिक भवन निर्माण सामग्री और निर्माण प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके एक पैकेज का प्रारूप विकसित किया है। इसका विकास विभिन्न भू-जलवायु वाली ऐसी परिस्थितियों में किया गया है, जिसमें 60 मकानों का समूह(कम से कम 25 स्क्वायर मीटर कारपेट एरिया) सामुदायिक केंद्र, विद्यालय और दुकान शामिल हैं। इन पैकेज के प्रारूप को जिन क्षेत्रों के लिए विकसित किया गया है वे हैं-पश्चिमी मध्य जोन, उत्तरी जोन, पूर्वोत्तर जोन, पूर्वी जोन और दक्षिणी जोन।
लोकसभा में लिखित उत्तर में मंत्री ने कहा कि पैकेज का प्रारूप वैकल्पिक निर्माण प्रौद्योगिकी का विकास देश में ही अनुंसधान और विकास संस्थानों और अन्य एजेंसियों ने दीवार बनाने, छत बनाने के लिए किया है और इसे पारंपरिक तौर पर इस्तेमाल किये जाने वाले सामग्री के स्थान पर प्रयोग में लाने की अनुशंसा की गई है। उन्होंने कहा कि पैकेज के इस प्रारूप को विकसित करने का उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों में वैज्ञानिक रूप से सत्यापित और कम कीमत वाले इस प्रौद्योगिकी के साथ ही उभरते हुए भवन निर्माण सामग्री तकनीक का प्रचार प्रसार करना है। इस वैकल्पिक प्रौद्योगिकी से भवन निर्माण लागत में 20 प्रतिशत तक की कमी आयेगी।