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नई दिल्ली। भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने राज्यसभा में बताया है कि भारत हैवी इलैक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने बिजली परियोजना के लिए चीन से अपेक्षाकृत सस्ती दरों पर धनराशि उपलब्ध कराने पर चिंता प्रकट की है। बीएचईएल ने चीन के बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं या निर्माताओं से भारतीय बिजली का विकास करने वालों के लिए अपेक्षाकृत सस्ती धनराशि उपलब्ध कराने की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इससे चीन के बिजली संयंत्र निर्माताओं को अनुचित लाभ मिलने लगेगा।
बीएचईएल का कहना है कि चीन को अपेक्षाकृत सस्ता वित्त उपलब्ध होने से उनके उपकरणों की लागत अपेक्षाकृत बहुत कम पड़ने लगेगी। इस परिदृश्य में घरेलू बिजली संयंत्र निर्माताओं को घरेलू बिजली विकासकर्ताओं को और अधिक खर्च करना पड़ेगा, ऐसी स्थिति में देसी निर्माताओं से कारोबार चीनी निर्माताओं की ओर झुकने लगेगा, पहले से ही उपयुक्त बाजार न होने की स्थिति में निर्माण के लिए आर्डर बिजली उपकरण निर्माताओं के हाथ से फिसलने लगेगा। सरकार ने बिजली सैक्टर से संबद्ध घरेलू उ़द्योग द्वारा इस अलाभप्रद स्थिति से बचने के लिए विकल्पों को सुझाने के लिए एक समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता योजना आयोग के सदस्य (उद्योग) करेंगे।
समिति ने बिजली उपकरणों के आयात पर शुल्क लगाने समेत कुछ उपायों के सुझाव दिये हैं। बिजली मंत्रालय ने आयातित बिजली संयंत्र उपकरणों पर शुल्क ढांचे में परिवर्तन लाने के लिए हाल ही में मंत्रिमंडल के लिए एक प्रारूप नोट मंत्रियों के आपसी विचार-विमर्श के लिए भेजा है। सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय निर्माता नीति की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य भारी बिजली उपकरण उद्योग समेत घरेलू पूंजी माल उद्योग को और सशक्त बनाना है।