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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण के विजेताओं को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने ऊर्जा संरक्षण की प्रणालियों और प्रक्रियाओं के उपयोग की सराहना करते हुए कहा कि औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों की इन गतिविधियों से देश में ऊर्जा के अन्य उपभोक्ताओं को प्रेरणा मिलेगी।
उन्होंने ऊर्जा संरक्षण संदेश के प्रसार के लिए आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्रों को बधाई दी और कहा कि उनके रंग-बिरंगे चित्र साधारण होते हुए भी बहुत प्रभावी हैं, जोकि देश में ऊर्जा के इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों को प्रेरणा प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं विशेषकर उन बच्चों को बधाई देता हूं, जिन्होंने चित्रकला के इस आयोजन में भाग लिया और ऊर्जा संरक्षण के संदेश के प्रसार में अपना योगदान किया। उनकी रंगीन चित्रकलाएं सामान्य होते हुए भी बहुत प्रभावी हैं और लोगों को ऊर्जा संरक्षण के महत्व और ऊर्जा के इस्तेमाल की सक्षमता बढ़ाने और जागरूकता पैदा करने में अपना योगदान कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि भारत को गरीबी, भुखमरी और बीमारियों की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करना है और अपने नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है तो निश्चित अवधि के लिए उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करनी होगी और 12वीं पंचवर्षीय योजना में नौ प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर का लक्ष्य हासिल करना होगा। उच्च आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए अपनी ऊर्जा खपत भी तेजी से बढ़ानी होगी, अभी हम वाणिज्यिक ऊर्जा की काफी मात्रा का आयात करते रहे हैं, इसलिए हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि ऊर्जा की घरेलू आपूर्ति को दुगुनी बढ़ाएं और अपने सकल घरेलू उत्पाद की ऊर्जा सघनता कम करें।
उन्होंने कहा कि हम बहुत हद तक खनिज ईंधन पर निर्भर करते हैं, इसलिए हमें तापीय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने को भी प्रोत्साहन देना होगा। इसके लिए बिजली उत्पादन के वास्ते अल्ट्रा सुपर प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना होगा, ऐसे बिजली संयंत्रों के निर्माण के लिए घरेलू क्षमताओं को पैदा करने के प्रयास किए जा रहे हैं, हमारे यहां शहरों में सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल को बढ़ाना चाहिए और सड़कों से माल आवागमन की तुलना में रेलवे पर निर्भरता बढ़ानी चाहिए, 'इंटीग्रेटेड गैसीफिकेशन कंबाइंड साइकिल' जैसी नई प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करना चाहिए और वितरित उत्पादन सहूलियत के जरिए गैस संयंत्रों की ऊर्जा क्षमता के इस्तेमाल को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। कार्बन के इस्तेमाल में कमी लाकर वातावरण में परिवर्तन की समस्या से निटपने के लिए हमारे प्रयासों में भी योगदान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अपनी कुल ऊर्जा खपत में स्वच्छ ऊर्जा अनुपात को बढ़ाने के लिए वचनबद्ध हैं, जैसा कि जलवायु परिवर्तन की राष्ट्रीय कार्य योजना में हमने संकल्प व्यक्त किया है। राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन ने 2020 तक सौर ऊर्जा का 20000 मेगावाट उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
ऊर्जा मंत्रालय, राष्ट्रीय संवर्धित ऊर्जा क्षमता मिशन के सफल कार्यान्वयन से बिजली मंत्रालय कोयला, गैस और पेट्रोलियम उत्पादों में 230 लाख टन के बराबर तेल की वार्षिक ईंधन बचत करेगा और इसके साथ ही साथ 19000 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता की बचत की जा सकेगी। इससे कार्बन डाईआक्साइड के उत्सर्जन में भी पर्याप्त कमी आएगी। हमारे जो प्रयास हैं, उनसे लगभग 9000 हजार मेगावाट उत्पादन क्षमता की बचत हुई है, लेकिन हम वर्तमान यथा स्थिति से संतुष्ट नहीं हो सकते, हमें ऊर्जा बचत के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे। खुशी है कि उपकरणों, इमारतों और उद्योग में ऊर्जा सक्षमता को प्रोत्साहन देने के प्रयास किए गए हैं।
सोलह प्रमुख ऊर्जा खपत उपकरणों और नई वाणिज्यिक इमारतों के लिए राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण निर्माण कोड तैयार किए गए हैं, पर्याप्त उपभोक्ताओं के लिए हमारी कुल ऊर्जा खपत के 35 प्रतिशत के लिए 467 औद्योगिक इकाइयों को 2014-15 तक विशेष ऊर्जा खपत में निर्धारित कमी के साथ निर्दिष्ट उपभोक्ताओं की घोषणा की गयी है। आवासीय क्षेत्रों में प्रकाश और कृषि पंपों में ऊर्जा की क्षमता में सुधार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, पुरस्कार विजेताओं ने केवल औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को प्रभावी बनाया है, बल्कि ऊर्जा के बहुमूल्य स्रोतों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय प्रयास के वास्ते योगदान किया है।