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पंजाब विश्वविद्यालय का 61वां दीक्षांत समारोह

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पं. वी. में दीक्षांत समारोह/convocation of p. u.

चंडीगढ़। भारत के उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा है कि भूमंडलीकरण ने महत्वाकांक्षा, तुलना, प्रतियोगिता और असंतोष के रूप में बदलाव के वाहक उजागर किए हैं। लोगों के पास अपनी स्थिति का आकलन करने, अपनी सरकारों और समाज के कामकाज और विकल्पों पर नजर रखने के लिए तुलनात्मक पैमाना हैं। वे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जीवन में विकल्पों और मौकों की तलाश करते हैं, ताकि वो अपना भविष्य खुद तय कर सकें।
चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय के 61वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए अंसारी ने कहा कि सूचना एवं संचार क्रांति और सामाजिक मीडिया के उभार ने सूचनाओं के बहाव और नियंत्रण को स्वतंत्र कर दिया है, जिससे यह एक साथ कई दिशाओं में उपस्थिति दर्ज करा रही है, इसका नतीजा यह हुआ है कि समाज में दिख रहा बदलाव काफी बाधाकारी, नियंत्रित करने में कठिन और राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में वांछित नतीजे प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल होने में मुश्किलें पैदा करने वाला है।
हामिद अंसारी ने छात्रों से कहा कि उनके पास बिना किसी दबाव में आए अपना लक्ष्य निर्धारित करने का विकल्प है। वे अपने साथियों की दिशा में जा सकते हैं या अपना स्वतंत्र रास्ता तलाश सकते हैं। साथ ही उन्होंने गांधीजी की वह बात भी दोहराई कि किसी भी काम का अंतिम परिणाम उसके माध्यम की शुचिता पर ही निर्भर करता है, किसी भी कीमत पर लक्ष्य की प्राप्ति उनके लिए, उनके परिवार के लिए, उनके समुदाय के लिए और लंबे समय में देश के लिए भी अस्वीकार्य होगा।

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