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देहरादून। राजीव गांधी नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा देहरादून की राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय विशेष शिविर उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद के बाल भवन परिसर में शुरू हुआ। मुख्य अतिथि जिलाधिकारी देहरादून दिलीप जावलकर ने विद्यालय के बच्चों का समाज उपयोगी गतिविधियों में प्राथमिकता से सहभागिता का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि एक सच्चे अर्थ में शिक्षा का महत्व सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में अहम भूमिका ही है। जिलाधिकारी ने बच्चों को सदैव आगे बढ़ने के लिए कई प्रेरक प्रसंग सुनाए।
जिलाधिकारी ने विद्यालय के शिक्षकों से भी कहा कि शिक्षा सर्वश्रेष्ठ दान है, शिक्षक इसमें कर्तव्य निभाते हुए न सिर्फ देश के कर्णधार तैयार करते हैं, बल्कि भविष्य भी तैयार करते हैं। उन्होंने पाश्चात्य देशों के प्रसंग सुनाए और बच्चों को पर्यावरण एवं प्रदूषण के विषय में विस्तार से जानकारी दी। बच्चों में नई खोज और अभिरूचि जागृत हो, इसके लिए उन्होंने बच्चों से निसंकोच होकर प्रश्न पूछने को कहा। उन्होंने कहा कि हमें हर चीज का सवाल पूछते रहना चाहिए। हमारा उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए। भारत की संस्कृति बहुत अच्छी है, जो हमें एक अच्छा मानव बनाने का अहसास कराती है। इतने बड़े देश में अलग-अलग प्रांतों में भिन्न-भिन्न संस्कृति और भाषाएं हैं, मगर फिर भी देश में एकता है। उन्होंने बच्चों को कहा कि हर चीज को सीखने की प्रवृत्ति होनी चाहिए, सभी बच्चों में क्षमताएं हैं, प्रयास करने से हर समस्या का समाधान प्राप्त हो सकता है।
राजीव गांधी नवोदय विद्यालय की प्राचार्य मधुबाला रावत ने बच्चों को अनुशासन में रहते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने का पाठ पढ़ाया। शिविर के उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष और ग्राम पंचायत ननूरखेड़ा के प्रधान अनूप गोस्वामी ने वृ़क्षारोपण एवं पर्यावरण पर प्रकाश डालते हुए विद्यालय परिसर में लगाए गए वृक्षों के संवर्द्धन के लिए बच्चों को प्रेरित किया। बच्चों ने उद्घाटन सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समाज उपयोगी संदेश प्रसारित किया। उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद की महासचिव पुष्पा मानस ने अतिथियों एवं स्वयंसेवियों का शिविर में आने पर आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद के संयुक्त सचिव केपी भट्ट, कार्यक्रम अधिकारी अनिल बिष्ट, आजीवन सदस्य बीके डोभाल, प्रवक्ता डीसी भट्ट, कुसुम रानी नैथानी, पुष्पा भट्ट आदि उपस्थित थीं।