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नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय ने राष्ट्रीय पर्यटन सलाहकार परिषद की बैठक में कहा है कि देश में पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास के संदर्भ में पर्यटन मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय स्तर के सलाहकार को नियुक्त किया है। यह सलाहकार प्रत्येक राज्य, संघ शासित प्रदेश में चार पर्यटक सर्किटों, स्थलों और दो ग्रामीण समूहों के लिए पहचान की प्रक्रिया में है। राष्ट्रीय पर्यटन सलाहकार परिषद की सोमवार को हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए पर्यटन मंत्री ने कहा कि 2016 तक चरण एक में 35 पर्यटक सर्किटों, स्थलों, शहरों को विकसित करने की योजना है, प्रथम चरण के चयनित सर्किटों, स्थलों की सूची जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी, पहचाने गए सर्किटों, स्थलों को विकसित किए जाने का विचार सार्वजनिक-निजी साझेदारी प्रक्रिया में है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि हमें विदेशी और घरेलू यात्रियों की तेजी से बढ़ रही मांगों के बदलते हुए रूझानों और जरूरतों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए। उन्होंने परिषद को जानकारी दी कि विभिन्न रणनीतियों के कार्यांवयन के लिए, पर्यटन मंत्रालय ने योजना आयोग से 11वीं योजना के दौरान 5156 करोड़ रूपए के आवंटन की तुलना में 12वीं पंचवर्षीय योजना में करीब 23 हजार करोड़ रूपए के आवंटन के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि यदि अपेक्षित कोष उपलब्ध करा दिया जाता है तो हम देश के विकास के लिए अपनी पूर्ण संभावनाओं का उपयोग कर सकेंगे और पर्यटन को नई ऊंचाईयों पर ले जाने में सक्षम होंगे।
बैठक के दौरान पर्यटन मंत्री ने 12वीं योजना में पर्यटन के विकास के लिए रणनीतियों की जानकारी दी जिसमें आतिथ्य शिक्षा के संस्थागत बुनियादी ढांचे को बढ़ाना, नए होटल प्रबंधन संस्थान (आईएचएम) और खाद्य शिल्प संस्थान (एफसीआई) खोलना, बुनियादी ढांचे की मजबूती और उसके उन्नयन के द्वारा मौजूदा आईएचएम, एफसीआईएल की क्षमता में वृद्धि करना शामिल है। इसके अलावा आतिथ्य शिक्षा को विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, पॉलीटैक्नीक, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, सीबीएससी और अन्य राज्य स्तर बोर्डों के माध्यम से +2 स्तर पर पेशेवर शिक्षा के रूप में रखा जाएगा।
हुनर से रोजगार कार्यक्रम के माध्यम से कौशल विकास, आईएचएम, एफसीआई, राज्य सरकारों द्वारा संस्तुति किए गए सरकारी, निजी शिक्षण, प्रशिक्षण संस्थान, वर्गीकृत होटल, खाद्य उत्पादन, खाद्य और पेय पदार्थ सेवाएं, गृह व्यवस्था, बेकरी, यात्रा और भ्रमण सुविधा प्रदाता, गृह आवास स्वामी, कार्मिक, निजी पार्किंग सहायक, स्पा थैरेपिस्ट, बेल बाइज, गोल्फ कैडीज, होटलों के लिए सुरक्षाकर्मी व्यवस्था को तीसरी रणनीति के अंतर्गत रखा गया है, मौजूदा सेवा प्रदाताओं के कौशल को उनकी रोजगार योग्यता को बढ़ाने की एक आवश्यक प्रक्रिया के माध्यम से प्रमाणित किया जाएगा और नए क्षेत्रों की पहचान की जाएगी।